हाइलाइट्स
मल्लिकार्जुन खरगे को पीएम कैंडिडेट बनाने की खबरों पर इंडिया अलायंस में खींचतान.
जदयू ने खरगे का प्रस्ताव लाने पर अरविंद केजरीवाल और ममता बनर्जी पर सवाल उठाया.
जदयू नेता केसी त्यागी ने कहा कि किसी का भी नाम आगे लाने से पहले की बातचीत होती.
पटना. मल्लिकार्जुन खरगे को इंडिया अलायंस की ओर से पीएम कैंडिडेट बनाने के लिए जब विमर्श शुरू हुआ है तब से ही जदयू के नाराज होने की खबरें भी सामने आ रही हैं. इसी क्रम में अब जदयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल द्वारा लाए गए इस प्रस्ताव को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं. के सी त्यागी ने कहा है कि जब इतने बड़े काम में लगे हों औरप इतनी बड़ी शक्ति से लड़ रहे हो तो संगठित होकर और पारदर्शी तरीके से सबको एक्ट करना चाहिए.
केसी त्यागी ने कहा, दिल्ली मीटिंग से एक दिन पहले ममता दीदी केजरीवाल जी की आवास पर जाती हैं. उन्होंने 50 से अधिक मीडिया के सामने कहा कोई भी चेहरा गठबंधन का नहीं होगा और सब सामूहिक होकर इकट्ठे चुनाव लड़ेंगे. इसका सभी ने स्वागत किया था. लेकिन, अगले दिन गठबंधन की बैठक में अचानक उन्होंने एकाएक सार्वजनिक तौर पर घोषणा की कि खरगे जी चेहरा हो सकते हैं. यह कलेक्टिव डिसीजन लेने की प्रवृत्ति या क्षमता है, उसका उल्लंघन था.
केसी त्यागी ने कहा, वह बड़ी नेता हैं, उनका आदर के साथ कहना चाहता हूं कि अगर खरगे जी के नाम को लेकर गंभीर थीं तो ग्राउंड वर्क इंडिया गठबंधन के सभी घटक दलों से वार्ता कर किया जाना चाहिए था. उन्होंने लालू जी से नीतीश जी से अखिलेश यादव जी से किसी से वार्ता नहीं की और उसी का समर्थन केजरीवाल जी ने कर दिया. इस तरह के काम को अंजाम देने निकले हैं तो बड़े दिल से काम होने चाहिए छोटे दिल से नहीं होंगे.
केसी त्यागी ने आगे कहा, मुंबई में सब लोगों ने तय किया था कि किसी का नाम आगे नहीं रखा जाएगा, यद्यपि सभी को अपने-अपने नेताओं को महिमामंडित करने का प्रचारित प्रसारित करने का और उनकी प्रतिभा को उजागर करने का अधिकार है. केसी त्यागी ने कहा, नीतीश कुमार इस गठबंधन के निर्माता हैं और कांग्रेस के मित्रों से जिम्मेदारी के साथ कहना चाहता हूं कि पिछले साल तीसरा मोर्चा अस्तित्व में था, जिसमें ममता दीदी, केजरीवाल जी और केसीआर थे. इसमें अखिलेश यादव के साथ अन्य लोग भी थे. लेकिन, उन सब परंपराओं को नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव ने हिसार में ध्वस्त करते हुए नीतीश कुमार ने घोषणा की थी कि तीसरे मोर्चे का कोई अस्तित्व नहीं है, यही पहला मोर्चा है.
केसी त्यागी ने कहा कि नीतीश कुमार के ऐलान के बाद टेबल टर्न होती है. लालू यादव जी नीतीश कुमार जी सोनिया जी से मिलते हैं और राहुल जी से मिलते हैं. 3 महीने तक कोई रिस्पाॉंस नहीं हुआ.अभी मुंबई की बैठक के बाद 3 महीने तक कोई रिस्पॉंस नहीं है तो थोड़ा शत्रु पक्ष या विपक्ष की मजबूती को, संगठनात्मक क्षमता को देखकर हमें अतिरिक्त गंभीर होने की आवश्यकता है. तीनों राज्यों की कांग्रेस के कार्यकर्ताओं से ज्यादा दुख हमें हुआ है. अगर तीन राज्यों में कांग्रेस जीत गई होती तो हमारी 2024 के मंजिल करीब हो गई होती.
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Tags: 2024 Loksabha Election, Arvind kejriwal, CM Nitish Kumar, Mallikarjun kharge, Mamta Banarjee
FIRST PUBLISHED : December 22, 2023, 13:05 IST