Patna:
Bihar MLC Chunav 2024: बिहार की नीतीश सरकार ने 12 फरवरी को बजट सत्र के पहले दिन विश्वास मत जीतकर विपक्ष को करारा जवाब दिया और बिहार में अपनी सरकार बनाई. इसके साथ ही बिहार के सीएम नीतीश कुमार के हालिया पलटवार के बाद प्रमुख राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप चरम पर है लेकिन इस दौरान यह शायद पहला लोकसभा चुनाव होगा जब बिहार के सभी गठबंधन दल सीटों के समायोजन में साफ-सुथरे तरीके से नहीं हैं. अब एनडीए गठबंधन में शामिल राष्ट्रीय लोक मोर्चा, राष्ट्रीय एलजेपी, एलजेपी (रामविलास) और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा जैसे छोटे दल अभी भी बीच में फंसे हुए हैं. अब प्रदेश नेतृत्व ने यह बात कही है कि, ”11 एमएलसी सीटों पर होने वाले चुनाव में एक हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा को देंगे.” भाजपा के इस बयान के बाद ‘हम’ पार्टी की राजनीति संशय में आ गई है.
क्यों बेचैन हो गए मांझी?
आपको बता दें कि ‘हम’ पार्टी के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, ‘बीजेपी के इस बयान के बाद पूर्व जीतनराम मांझी का तनाव बढ़ गया.’ अब क्या बीजेपी ने जीतन राम मांझी का हिसाब चुकता कर दिया है, जो कल तक सीएम नीतीश कुमार से हिसाब बराबर करने की बात कर रहे थे? वहीं सूत्रों की माने तो ‘हम’ के भीतर यह संशय हो गया है कि, ”कहीं भाजपा एक एमएलसी सीट देकर गया लोकसभा सीट जेडीयू को तो नहीं देने जा रही है.” दरअसल, राजनितिक गलियारों में चर्चा यह है कि, गया जेडीयू की सिटिंग सीट है और वह इस पर दावा भी कर रही है. वहीं गया लोकसभा सीट से जीतन राम मांझी का प्रदर्शन भी अच्छा नहीं है. इस वजह से मिशन 40 को देखते हुए बीजेपी कोई समझौता नहीं करने जा रही है.
जीतन राम मांझी को क्यों है संदेह?
दरअसल, जीतन राम मांझी की समझ यह थी कि एमएलसी संतोष सुमन को दोबारा एमएलसी बनाना होगा, तभी वह मंत्री बने रहेंगे. हालांकि ‘हम’ ये नहीं मान रही है कि ये कोई नया दांव है, लेकिन यह कहकर बीजेपी ने जीतन राम मांझी के कई सवालों पर विराम लगा दिया है पर अब ये बड़ा सवाल है कि, ”क्या गया लोकसभा जदयू को चला जायेगा? दूसरा क्या भाजपा एक और मंत्री बनाने से पीछे तो नहीं हट तो नहीं रही है? क्या भाजपा संतोष सुमन को एमएलसी का उम्मीदवार बनाकर हिसाब बराबर तो नहीं करने जा रही है?” बहरहाल, ये तो आने वाले समय में ही पता चलेगा.