हाइलाइट्स
सियासी उथल-पुथल के बीच नीतीश सरकार के लिए खुशखबरी.
बिहार में गरीबों की संख्या में आई कमी, नीति आयोग काआंकड़ा.
पटना. बिहार में लगातार सरकारी नौकरियां देने के मामले में नीतीश सरकार लगातार तारीफ पा रही है. अब बिहार सरकार के खाते में एक और उपलब्धि आई है. नीति आयोग के मुताबिक, देशभर में गरीबों की संख्या में कमी आई है और इसमें बिहार में भी बड़े पैमाने पर गरीबों की संख्या कम हुई है. नीति आयोग की रिपोर्ट जारी के मुताबिक, बिहार में गरीबी स्तर 51.89 से 33.76 प्रतिशत हो या है. जबकि, राष्ट्रीय स्तर पर विगत नौ वर्षों में 24.82 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आए हैं.
नीति आयोग के आंकड़ों के अनुसार, बीते 9 वर्षों में 24.82 करोड़ लोग कई तरह की गरीबी से बाहर आए हैं. इनमें सबसे अधिक उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश में गरीबों की संख्या कम हुई है. बिहार में 3.77 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आए हैं. नीति आयोग द्वारा सोमवार को जारी किए गए रिपोर्ट के अनुसार, 2005-06 से 2019-21 के बीच बिहार में 44.52 प्रतिशत आबादी बहुआयामी गरीबी से बाहर निकली है.
विभिन्न पैमानों पर स्थिति का आकलन
दरअसल, नीति आयोग राष्ट्रीय बहुआयामी गरीबी स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवनस्तर के मोर्चे पर स्थिति को मापती है. जिसमें पोषण, बाल और किशोर मृत्यु दर, मातृत्व स्वास्थ्य, स्कूली शिक्षा के वर्ष, स्कूल में उपस्थिति, खाना पकाने का ईंधन, स्वच्छता, पीने का पानी, बिजली, घर, संपत्ति और बैंक अकाउंट शामिल हैं.
12 संकेतकों में गरीबी को आंका गया
सोमवार को नीति आयोग जो आंकड़े जारी किए उसके अनुसार, गरीबी सूचकांक के सभी 12 संकेतकों में उल्लेखनीय सुधार देखने को मिला है. नीति आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले लगभग दो दशकों में लोगों के जीवन की गुणवत्ता में काफी सुधार हुआ है देश में बहुआयामी गरीबी 2013-14 में 29.17 प्रतिशत थी जो 2022-23 में घटकर 11.28 प्रतिशत रही गई. इसके साथ ही इस अवधि के दौरान 24.82 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आए हैं.
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Tags: Niti Aayog, Poverty Line
FIRST PUBLISHED : January 16, 2024, 13:57 IST