नीतीश कुमार या तेजस्वी यादव किसने दी ज्यादा नौकरी, बिहार में सामने आ गया डेटा, जानें सच्चाई

पटना. जातीय राजनीति के लिए चर्चित बिहार में इन दिनों रोजगार का मुद्दा सबसे हावी होता जा रहा है. एनडीए हो या महागठबंधन, रोजगार के मुद्दे को सबसे आगे रख चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर रहा है. बिहार में रोजगार मतलब नीतीश सरकार बनाम 17 महीने बनाम 17 साल की चर्चा तेज होती जा रही है. दरअसल बिहार में कुछ महीने पहले तक महागठबंधन की सरकार थी. गठबंधन टूटने के कुछ दिन पहले आरजेडी की तरफ से एक बयान आया था.

इस बयान में कहा गया कि बिहार में 17 महीने की गठबंधन सरकार में जितनी नौकरियां दी गईं, उतनी नौकरी कभी नहीं दी गई थी. आरजेडी के इस दावे के बाद माना जा रहा है नीतीश कुमार की नाराज़गी बढ़ गई थी क्योंकि तब जदयू ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया जताई थी. बाद में कई और राजनीतिक परिस्थितियों की वजह से गठबंधन टूटने का कारण भी बना. गठबंधन टूटने के बाद भी राजद ने अब ये नारा ज़ोर से उठाना शुरू कर दिया है कि नौकरी मतलब तेजस्वी सरकार, 17 महीना बनाम 17 साल तो आरजेडी के दावे पर जदयू ने पलटवार कर दिया है.

जेडीयू ने नारा दिया कि नौकरी मतलब नीतीश सरकार और इसके लिए जदयू की तरफ से आंकड़े का हवाला भी दिया जा रहा है. जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार आंकड़े का हवाला देकर कहते है कि 1990 से 2005 तक जब बिहार में लालू राबड़ी देवी का राज था उस वक्त जो नौकरी दी गई थी वो सारी सच्चाई और दावे की पोल खोल कर सामने रख देती है. नीरज कुमार शिक्षक और सिपाही भर्ती के आंकड़े बताते हुए कहते है कि 1990- 2005 में लालू यादव के राज में सिपाही भर्ती में कुल नियुक्ति 19 हजार 538 हुई थी जबकि नीतीश राज में सिपाही भर्ती में 2 लाख 14 हजार 600 हुई है. शिक्षक बहाली में लालू राबड़ी राज में 33 हजार 499 नियुक्ति हुई थी जबकि नीतीश कुमार के राज में कुल 5 लाख 61 हजार (2005 से 2023) हुई है. 3 लाख 49 हजार (2005 से 2021) 2 लाख 12 हजार (2023) हुई है.

शक्ति यादव ने दावा किया कि जदयू कोई दावा या आरोप लगा दे लेकिन लाखों नियुक्ति की गई थी जब लालू यादव और राबड़ी देवी मुख्यमंत्री थे. उनके राज में 1990 से 2005 के बीच तब की गई थी जब बिहार झारखंड एक था. शक्ति कहते हैं कि हम किसी बात को लेकर ढिंढोरा नहीं पीटा करते हैं. एक सच्चाई ये भी है कि जब तेजस्वी यादव उप मुख्यमंत्री बने और उन्होंने दबाव बनाया तब नियुक्ति का पिटारा खोला गया और लाखों लोगो को नौकरी दी गई, जिसका गवाह पटना का गांधी मैदान बना जिसे बिहार और देश ने देखा था.

Tags: Bihar News, Nitish Government

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