नीरज कुमार/बेगूसराय. बिहार में बचपन में आपने लुका-छिपी, चोर-पुलिस और न जाने कितने घरेलू खेल खेले होंगे. इनमें से एक सबसे पॉपुलर पत्थर तोड़, जिसको बोलचाल की भाषा में पिट्टो भी कहा जाता है. गांव-गांव में खेला जाने वाला पिट्टो या पत्थर तोड़ यानी लागोरी सरकारी नौकरी पाने की मंजिल को आसान कराएगी. इन दिनों बिहार में जहां मेडल लाओ नौकरी पाओ चर्चा में है. इसी कड़ी में बिहार के सहरसा में पहली बार राज्य स्तरीय लगोरी प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है.
इस खेल में बिहार के 5 जिलों की सिर्फ बालिका खिलाड़ी को हिस्सा लेने का मौका मिलेगा. हालांकि आप बिहार के किसी भी जिले से हैं तो लगोरी संगठन की टीम आपको इन खेल में हिस्सा लेने का मौका देगी. ज्ञात हो कि इस खेल की शुरूआत बिहार में पहली बार बेगूसराय से ही हुईं थी. अब भारत सरकार के खेल मंत्रालय और स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के तत्वाधान में इसकी शुरुआत हुई है.
सहरसा में होगी स्टेट लेवल लागोड़ी प्रतियोगिता
बिहार लागोड़ी के सचिव रणधीर कुमार ने बताया बिहार के सहरसा में पहली बार बालिका टूर्नामेंट की शुरूआत 12 जनवरी से हो रही है. ऐसे में इस खेल में बिहार के सभी जिलों के बालिका खिलाड़ियों को मिलाकर 6 टीम हिस्सा लेगी. अगर आप भी इस खेल में शामिल होना चाहती हैं तो लागोड़ी एसोसियन ऑफ बिहार के साइट पर ऑनलाइन फॉर्म भर सकते हैं या फिर अपने जिले के लागोड़ी कोच से संपर्क कर सकते हैं. बेगूसराय के जीडी कॉलेज कैंपस और न्यू पैराडाइज स्कूल में मुफ्त में ट्रेनिंग बिहार के किसी जिले से आकर खिलाड़ी ले सकते हैं.
मेडल लाओ नौकरी पाओ को लेकर खिलाड़ियों में उत्साह
खिलाड़ी दिव्या प्रिया ने बताया इस खेल में मेडल पाने के लिए 3 से 5 घंटे की प्रैक्टिस कर रहीं हूं. उम्मीद है गोल्ड मेडल लाकर सरकारी नौकरी को प्राप्त करूंगी. जबकि शिवानी कुमारी ने बताया कई घंटे प्रयास कर मेडल लाने की कोशिश में लगी हुई हूं. आपको बता दें कि भारतीय ओलंपिक संघ की ओर से गोवा में आयोजित होने वाले आगामी राष्ट्रीय खेल तथा स्कूली गेम्स से लागोरी शामिल हो चुकी है.
यह बिहार ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना रही हैं. ऐसे में बिहार के खिलाड़ियों का मेडल लाओ नौकरी पाओ का सपना कब तक पूरा होता है, यह देखने वाली बात होगी.
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FIRST PUBLISHED : January 11, 2024, 06:45 IST