शिखा श्रेया/रांची. सड़क पर चलते समय आपने एक चीज पर जरूर ध्यान दिया होगा. कोई भी निर्माण वाली बिल्डिंग हमेशा हरे कलर के कपड़े से ही ढकी होती है. कभी आपने काला या पीला नहीं देखा होगा. हमेशा हरा कलर का ही प्रयोग किया जाता है. ऐसे में लोगों के मन में सवाल होता है कि बिल्डिंग को क्यों ढंका जाता है?.अगर ढाका भी जाता है तो हरे रंग के कपड़े से ही क्यों?
झारखंड की राजधानी रांची में फिलहाल 4 फ्लाइ ओवर बन रहे हैं. जिसका काम एलएनटी कंपनी को दिया गया है. कंपनी के इंजीनियर सुदेश ने लोकल 18 से कहा कि जब भी कोई नया फ्लाइ ओवर या बिल्डिंग बनता है तो उसे हरे कपड़ों से ढका जाता है. ताकि उसमें से धूल कंकर इत्यादि बाहर न जाए. इससे लोगों को परेशानी ना हो.यह सरकारी गाइडलाइन के तहत ही होता है. इसे ढकना अनिवार्य है.
इसलिए ढंका जाता है हरे कपड़े से
सुदेश ने आगे कहा कि ऊंची बिल्डिंग में जो मजदूर और इंजीनियर काम करते रहते हैं, उनका ध्यान लोगों के आने-जाने से ना भटके, इसलिए कपड़े से बिल्डिंग को ढंक दिया जाता है. यह कपड़ा मजदूरों के लिए सुरक्षा कवच का भी काम करता है, साथ ही वह बिना बाधा के आराम से काम कर पाते हैं. यह जालीदार चादर की तरह होता है, जो मजदूरों को गिरने से भी बचाने का काम करता है.
हरा रंग सरकार द्वारा है निर्धारित
लेकिन, अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि इसका रंग हरा ही क्यों होता है?. कोई और कलर क्यों नहीं है. इस सवाल के जवाब में सुदेश बताते हैं कि दरअसल, हरा कलर सरकार के द्वारा ही निर्धारित की गई है. यह कलर रात में भी दिख जाती है. इसमें थोड़ा सा भी लाइट लगेगी तो यह कलर तेजी से रिफ्लेक्ट करता है. जिससे आपको पता चल जाएगा वह कंस्ट्रक्शन साइट है. इससे दुर्घटना होने की संभावना कम होती है. हरा कलर काफी दूर से दिखाई भी देता है.
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FIRST PUBLISHED : March 11, 2024, 16:42 IST