“नियति ने तय कर लिया था…” : आडवाणी ने राम मंदिर पर लिखा लेख; अटल की खल रही कमी

लालकृष्ण आडवाणी 22 जनवरी को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होंगे.

खास बातें

  • राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख चेहरा रहे हैं आडवाणी
  • 25 सितंबर 1990 को शुरू की थी रथयात्रा
  • 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में होंगे शामिल

नई दिल्ली:

अयोध्या में राम मंदिर ( Ayodhya Ram Temple) बनने का लंबा इंतजार खत्म होने को है. भव्य मंदिर का एक हिस्सा बनकर तैयार है. रामलला जल्द ही मंदिर में विराजमान होंगे. रामलला की प्राण प्रतिष्ठा (Ram Mandir Consecration) 22 जनवरी को होने जा रही है. राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख चेहरा रहे बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी (Lal Krishna Advani) राम मंदिर (Ram Mandir) के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होंगे. आडवाणी ने इससे पहले राम मंदिर (Ram Temple) पर एक आर्टिकल लिखा है. अपने आर्टिकल में आडवाणी ने लिखा कि अयोध्या में राम मंदिर बनेगा ये नियति ने पहले ही तय कर लिया था. आडवाणी ने कहा कि इस समय उन्हें पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee)की कमी खल रही है. 

देश के उप-प्रधानमंत्री रह चुके लाल कृष्ण आडवाणी हिंदी साहित्य की पत्रिका ‘राष्ट्रधर्म’ के लिए ‘राम मंदिर निर्माण-एक दिव्य स्वप्न की पूर्ति’ शीर्षक से एक आर्टिकल लिखा है. आडवाणी ने लिखा, “इस ऐतिहासिक मौके पर अटल जी की याद आ रही है.” पीएम मोदी (PM Narendra Modi) के लिए आडवाणी ने लिखा, “मोदी हर भारतीय का प्रतिनिधित्व करेंगे.”

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लाल कृष्ण आडवाणी ने लिखा, “जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर की प्राण प्रतिष्‍ठा करेंगे, तब वे हमारे भारतवर्ष के प्रत्‍येक नागरिक का प्रतिनिधित्‍व करेंगे. मेरी प्रार्थना है कि यह मंदिर सभी भारतीयों को श्रीराम के गुणों को अपनाने के लिये प्रेरित करेगा.” 

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आडवाणी का ये आर्टिकल ‘राष्ट्रधर्म’ पर 15 जनवरी को प्रकाशित होगा.  प्रभु श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा में आमंत्रित अतिथियों को ‘राष्ट्रधर्म’ का ये एडिशन दिया जाएगा.

राम मंदिर आंदोलन के लिए आडवाणी ने रथ यात्रा निकाली थी. इसे याद करते हुए उन्होंने अपने आर्टिकल में लिखा, “रथयात्रा को करीब 33 साल पूरे हो चुके हैं. 25 सितंबर, 1990 की सुबह रथयात्रा शुरू करते समय हमें यह नहीं पता था कि प्रभु राम की जिस आस्‍था से प्रेरित होकर यह यात्रा शुरू की जा रही है, वह देश में आंदोलन का रूप ले लेगा.” 

आडवाणी ने अपने आर्टिकल में आगे लिखा, “रथयात्रा के समय ऐसे कई अनुभव हुए, जिन्‍होंने मेरे जीवन को प्रभावित किया. सुदूर गांव के अंजान ग्रामीण रथ देखकर भाव-विभोर होकर मेरे पास आते. वे प्रणाम करते. राम का जयकारा करते. यह इस बात का संदेश था कि पूरे देश में राम मंदिर का स्‍वप्‍न देखने वाले बहुतेरे हैं. वे अपनी आस्‍था को जबरन छि‍पाकर जी रहे थे. 22 जनवरी, 2024 को मंदिर की प्राण प्रतिष्‍ठा के साथ ही उन ग्रामीणों की दबी हुई अभिलाषा भी पूर्ण हो जायेगी.”

बता दें कि राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ (RSS), विश्‍व हिंदू परिषद (VHP) और भारतीय जनता पार्टी(BJP) अयोध्या में श्रीरामलला के मंदिर का निर्माण शुरू करने का संकल्‍प कर चुकी थी. उसने 30 अक्टूबर, 1990 को नियत तिथि घोषित भी की थी. इसी संकल्‍प के साथ आडवाणी ने 25 सितंबर, 1990 से 30 अक्टूबर के बीच सोमनाथ से अयोध्या तक 10 राज्यों से गुजरते हुये 10 हजार किलोमीटर की रथयात्रा की. इस रथयात्रा ने देश में दबी हुई हिंदुत्व की आस्‍था को जगा दिया था. अब ये 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के साथ पूरा होने जा रहा है.

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