नई दिल्ली18 मिनट पहले
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इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति ने कहा है कि देश को 1991 में आर्थिक आजादी मिली। उन्होंने इसका श्रेय पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह, मोंटेक सिंह अहलूवालिया और पी. चिदंबरम को दिया है।
टीवी मोहनदास पाई को दिए एक इंटरव्यू में मूर्ति ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि हमारे देश को भले ही 1947 में आजादी मिली, लेकिन आर्थिक आजादी 1991 में मिली। उन्होंने तब के प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव को भी इसका श्रेय दिया।
मूर्ति ने कहा 1991 के इकोनॉमिक रिफॉर्म ने 3-4 बड़े काम किए…
- पहला- हाईटेक जैसे कुछ क्षेत्रों में लाइसेंसिंग की जरूरत को समाप्त कर कंपनियों को डिसीजन लेने की आजादी मिली।
- दूसरा- रिफॉर्म ने 1991 के बाद कैपिटल इश्यू के कंट्रोलर के दिल्ली स्थित ऑफिस को बंद कर दिया। यह एक सिविल सर्वेंट का ऑफिस था, जिसे मार्केट का कोई नॉलेज नहीं था।
- तीसरा – करेंट अकाउंट कन्वर्टिबिलिटी। इसके चलते देश के बाहर जाने वाले लोगों को RBI में अप्लाई करने और 10 से 12 दिनों तक इंतजार करने की जरूरत खत्म हो गई।
मोंटेक सिंह अहलूवालिया 1991 के इकोनॉमिक रिफॉर्म के समय कॉमर्स सेकेरेट्री थे। बाद में वे प्लानिंग कमिशन के वाइस चेयरमैन, इकोनॉमिक अफेयर्स के सेकेरेट्री और फाइनेंस सेकेरेट्री बनकर आर्थिक सुधारों में अहम भूमिका निभाई थी।
पी चिदंबरम कॉमर्स मिनिस्ट्री में मिनिस्टर ऑफ स्टेट थे। बाद में वे भारत के होम मिनिस्टर और फाइनेंस मिनिस्टर बने। चिदंबरम को एक्पोर्ट-इंपोर्ट (EXIM) पॉलिसी के सुधारों के लिए जाना जाता है।
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नारायण मूर्ति हफ्ते में 80-90 घंटे करते हैं काम: पत्नी सुधा मूर्ति ने कहा- वे असली हार्ड वर्क में भरोसा करते हैं
इंफोसिस फाउंडेशन की चेयरपर्सन और ऑथर सुधा मूर्ति ने कहा है कि उनके पति नारायण मूर्ति सप्ताह में 80 से 90 घंटे काम करते हैं। सुधा ने कहा, इससे कम उन्होंने कभी काम किया ही नहीं, वे असली हार्ड वर्क करने में भरोसा रखते हैं। हाल ही में नारायण मूर्ति ने कहा था कि अगर भारत को आगे जाना है, तो युवाओं को हफ्ते में 70 घंटे काम करना होगा। इसके बाद सोशल मीडिया कई अलग-अलग धड़ों में बंट गया है। इसी मामले को लेकर सुधा मूर्ति ने नेशनल सेंटर फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स (NCPA) की ओर से आयोजित एक टॉक शो में यह बात कही। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…