नाबालिग बेटी से हैवानियत करने वाले दरिंदे पिता को हुई उम्रकैद, महज 21 दिन में आया फैसला

अखिलेश सोनकर/ चित्रकूट : उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जिले में पिता-पुत्री के रिश्ते को कलंकित करने वाले आरोपी पिता को विशेष न्यायाधीश विनीत नारायण पाण्डेय ने उम्रकैद की सजा सुनाते हुए ऐसे दरिन्दों के लिए एक लकीर खींच दी है. दरअसल पूरे मामले में खास बात ये भी है कि पुलिस द्वारा आरोप पत्र दाखिल किए जाने के 2 वें दिन स्पेशल जज ने आरोपी पर दोष सिद्ध होने के बाद सजा सुना दी है.

10 जुलाई को दर्ज हुई थी तहरीर

वहीं विशेष लोक अभियोजक तेज प्रताप सिंह पूरे मामले की जानकारी देते हुए बताया कि मऊ थाना क्षेत्र के एक गांव में नाबालिक पुत्री ने थाने जाकर पिता द्वारा दुराचार करने की शिकायत की थी. बीते 9 जुलाई को पीड़िता ने दरिंदे पिता की हैवानियत की शिकायत लेकर कानून के पास पहुंची थी, जिसके बाद दूसरे दिन 10 जुलाई को बाल कल्याण अधिकारी बालकिशुन ने दर्ज कराई थी.

आरोपी पिता को गिरफ्तार कर भेजा गया जेल

पुलिस अधीक्षक वृंदा शुक्ला ने इस मामले में मऊ पुलिस टीम को त्वरित कार्यवाही करते हुए न्यायालय में भी प्रभावी पैरवी करने के निर्देश दिए थे. इसके चलते प्राथमिकी दर्ज करने के बाद पुलिस ने पीड़िता का चिकित्सीय परीक्षण कराकर कोर्ट में बयान कराए थे, साथ ही आरोपी पिता को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था.

पुलिस द्वारा इस मामले में न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल करने के 21वें दिन विशेष न्यायधीश विनीत नारायण पाण्डेय ने निर्णय सुना दिया, जिसमें दोष सिद्ध होने पर आरोपी पिता को आजीवन कारावास और 43 हजार अर्थदण्ड से दंडित किया गया.

43 हजार रुपए का लगाया गया जुर्माना

वहीं इस मामले में पास्को कोर्ट के विशेष लोक अभियोजक अधिकारी तेज प्रताप सिंह का कहना है कि महिलाओं के साथ होने वाली घटनाओं में पीड़िताओ को त्वरित न्याय दिलाने के लिए सरकार ऑपरेशन कंवेक्शन अभियान चला रही है, जिसके चलते पुलिस ने इस मामले में तुरंत चार्ज शीट दाखिल की थी और न्यायालय ने आरोपी को उम्र कैद की सजा और 43 हजार का अर्थ दंड लगाया है.

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