नहीं हो रही शादी तो उज्जैन के इस गणेश मंदिर में चढ़ाएं हल्दी गांठ, जानें महिमा

शुभम मरमट/उज्जैन. विश्व प्रशिद्ध बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में धूमधाम से दस दिवसीय गणेश उत्सव मनाया जा रहा है. भगवान श्री गणेश सतातन धर्म में प्रथम पूज्य हैं. हिन्दू धर्म में प्रत्येक शुभ कार्य से पहले गणेश जी की पूजा की जाती है. इनमें अविघ्न विनायक की महिमा बहुत अलग बताई जाती है.

उज्जैन के अष्टविनायकों की मान्यता है कि वनवास के दौरान उज्जैन आने पर भगवान राम, लक्ष्मण व सीता जी ने उनकी स्थापना की थी. आम दिनों में विघ्नहर्ता के मंदिरों में दर्शनार्थियों का तांता लगा रहता है. गणेशोत्सव के इन 10 दिनों में देशभर से भक्त यहां दर्शन-पूजन के लिए आते हैं. इस बार भी मंदिरों में आस्था का सैलाब उमड़ रहा है.

यहां विराजित हैं अविघ्न विनायक
शहर के अंकपात चौराहे पर अखिल भारतीय पंच रामानंदीय अखाड़े के मुख्यद्वार के समीप श्री अविघ्न विनायक गणेश का मंदिर है. 40 वर्ग फीट मंदिर में करीब साढ़े तीन फीट ऊंची भगवान गणेश की मूर्ति विराजित है. मान्यता है कि भगवान अविघ्न विनायक के दर्शन करने से शुभ व मांगलिक कार्यों में आ रही बाधा दूर होती है.

सीता माता ने की थी स्थापना
अविघ्न विनायक अष्टविनायक मे पांचवें स्थान पर हैं. अवंतिका खंड मे भी इसका उल्लेख है. मान्यता है कि गणेश चतुर्थी के समय सीता माता ने वहीं अपना व्रत खोला था और अविघ्न विनायक की स्थापना की थी.

विवाह के लिए चढ़ाते हैं हल्दी की गांठ
शहर में हर जगह दस दिवसीय गणेश उत्सव की धूम है, उज्जैन के अविघ्न विनायक में रोज हजारों श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. ऐसे युवा जिनके विवाह कार्य मे अड़चन आती है, वो अविघ्न विनायक के दर्शन मात्र से दूर हो जाती है. मान्यता है कि जिस व्यक्ति का विवाह नहीं हो रहे हो, वह अविघ्न विनायक में प्रति बुधवार हल्दी की गांठ चढ़ाए तो विवाह संबंधित बधाएं दूर हो जाती हैं.

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