नहीं लगी सरकारी नौकरी तो इस शख्स ने शुरू कर दी सब्जी की खेती, अब हो रही है लाखों में कमाई

आलोक कुमार/ गोपालगंज: एक ओर जहां लोग सरकारी के अलावा प्राइवेट सेक्टर में नौकरी की तलाश में इधर-उधर भटकते रहते हैं. वहीं कुछ ऐसे भी लोग हैं, जिन्होंने नौकरी की तलाश तो की, लेकिन जब सफल नहीं हो पाए तो निराश हुए बगैर अपना धंधा शुरू कर दिया और इसमें सफलता भी अर्जित कर अच्छी कमाई भी कर रहे हैं. इन्हीं लोगों में से एक हैं गोपालगंज जिला के फुलवरिया प्रखंड स्थित श्रीपुर गांव निवासी अशर्फी साह, जिन्होंने ना सिर्फ खेती कर अच्छी आमदनी कमा रहें है बल्कि परिवार के भरण-पोषण भी करते है. दरअसल, किसान अशर्फी साह युवा अवस्था में सरकारी नौकरी करना चाहते थे. लेकिन, आर्थिक तंजी के चलते यह सपाना पूरा नहीं हो पाया. जिसके बाद सरकारी नौकरी का ख्याल मन से हटाकर खेती की और आज लाखों में कमाई कर रहे हैं.

अशर्फी साह ने पिछले दिनों की याद को ताजा करते हुए बताया वर्ष 1980 में मैट्रिक की परीक्षा पास की और इंटर में नाम लिखवाया. इंटर तक की पढ़ाई पूरी करने के बाद परिवार की माली हालत को सुधारने के लिए नौकरी की तलाश में जुट गया. उन्होंने बताया कि पढ़ाई यह सोचकर किया था कि सरकारी नौकरी मिल जाएगी. इसको लेकर कई परीक्षाएं पास की और नौकरी की तलाश में संघर्ष करते रहे. लेकिन, पैसे की कमी के चलते हसरत अधूरी रह गई. इसके बाद डेढ़ वर्ष तक इस आशा में छोटे-छोटे बच्चों को पढ़ाने लगे कि सरकारी नौकरी मिल जायेगी, लेकिन सपना साकार नहीं हो सका. इसके बाद खेती करना प्रारंभ कर दिया. वहीं वर्तमान में दो एकड़ जमीन में सब्जी सहित अन्य पारंपरिक फसलों की खेती कर रहे हैं.

सालाना पांच लाख से अधिक की हो रही है कमाई
अशर्फी साह ने बताया कि खेती की शुरूआत गेहूं और सब्जी से की थी. मेहनत रंग लाया और उपज अच्छी होती चली गई और लगा पूंजी वापस आने के साथ मुनाफा भी होने लगा. उन्होंने बताया कि अब सीजनल फसल की खेती करते हैं. दो एकड़ में आलू की खेती के अलावा सरसों और अलग-अलग तरह की सब्जियों की खेती करते हैं. इससे सालाना पांच लाख से अधिक की कमाई हो जाती है. बहरहाल, असर्फी की कहानी उन युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो सरकारी नौकरी की तलाश में भटक रहे हैं. असर्फी ने दिखाया है कि खेती भी एक बेहतर आय का साधन है. अगर किसान लगन और मेहनत करे तो वे अच्छी आमदनी प्राप्त कर सकते हैं.

Tags: Gopalganj news, Local18, Success Story

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