विकाश पाण्डेय/सतना. छठ पर्व की शुरुआत आज से हो चुकी है और खरना से व्रत की शुरुआत होती है. ऐसे में अगर आप छठ का व्रत नहीं कर पातीं हैं तो इन उपायों से छठी मइया को प्रसन्न कर सकतीं हैं. दीवाली के 6 दिन बाद कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाने वाला छठ का यह महापर्व सम्पूर्ण देश में बड़े ही धूम धाम से मनाया जाता है.
इस दिन सूर्यदेव और षष्ठी मैया की पूजा की जाती है. यह सबसे कठिन व्रतों में से एक माना जाता है. धार्मिक मान्यता है कि छठ का व्रत संतान प्राप्ति की कामना, संतान की कुशलता, सुख-समृद्धि और उसकी दीर्घायु के लिए किया जाता है. वैसे तो इस पर्व की झलक तो आप को समूचे देश में मिल जायेगी लेकिन यह मुख्य रूप से बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश के कई क्षेत्र सहित देश के कई हिस्सों में मनाया जाता है.
36 घंटे व्रत पूजन का विशेष महत्व
चित्रकूट के अथर्व वेदाचार्य देवानंद जी ने बताया कि इस दिन सूर्यदेव और षष्ठी मैया की पूजा की जाती है. साथ ही इस दिन शिव जी की पूजा भी की जाती है. इस पूजा में 36 घंटे के व्रत पूजन का विशेष महत्व है, लेकिन किन्ही कारणों से आप व्रत नहीं कर पातीं अन्यथा आप व्रत रहतीं ही नहीं और छठ मइया की कृपा पाना चाहती हैं तो कुछ विशेष उपाय कर माता का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं. और व्रत पूर्ण कर सकते हैं.
छठ पूजा और व्रत के फल
पंडित देवानंद जी ने बताया कि सूर्य और छठी माई के पूजन से व्यक्ति को धन दौलत, सम्मन प्रतिष्ठा, वैभव और संतान की प्राप्ती होती है. छठी मइया जिनको संतान ना हो उनको संतान देती है. रोग, व्याधि से मुक्ति दिलाती है व्यक्ति के घर को सुख समृद्धि, और खुशहाली प्रदान करती है. इनके पूजन में संतान प्राप्ति का विशेष फल मिलता है छठ माता सूनी गोद भर्ती हैं.
व्रत नहीं कर सकती तो करें उपाय
अगर आप साल से माता छठी का व्रत करती आ रहीं है और किन्ही कारणों से इस वर्ष व्रत नहीं कर पा रही हैं तो ऐसी स्थिति में आपको अपने व्रत का प्रसाद अपने घर की किसी अन्य व्रती या आस पड़ोस, में व्रत रहने वाली व्रतियां से व्रत का प्रसाद का जरूर चढ़ाएं , माता छठी को प्रसाद अर्पित करना उनके पूजन और व्रत का फल समान ही होता है, इसलिए किसी भी व्रती से अपना प्रसाद अवश्य चढ़ाएं इसके बाद यह उपाय करें.
व्रत छूटने और व्रत नहीं कर पाने पर करें यह उपाय…
1. सबसे पहला उपाय सूर्यदेव को प्रातः काल ताम्बे के लोटे में जल और गुड़ लेकर अर्घ्य दें. और उनकी आराधना कर धूप दीप दिखाएं.
2. भगवान सूर्य और छठी मइया के नाम से फल मिठाई ,नारियल लाल और पीला सिंदूर चढ़ाएं.
3. छठ पर्व के चारों दिन घर में साफ सफाई रखें और सात्विकता बरतें. भोजन भी सात्विक ही करें.
4. छठ व्रतधारी महिलाओं की सेवा और सहायता करें. छठ का व्रत रखने वाले लोगों के चरण छूकर आशीर्वाद जरूर लें.
5. छ्ठी माता और सूर्यदेवता को गुड़ और आटे और देशी घी से बना प्रसाद अर्पित करें. विशेष मिठाई ‘ठेकुवा’ जरूर बनाएं. फिर इसे गरीबों और बच्चों में बांटें.
6. छठ के दोनों ही अर्घ्य यानि संध्या अर्घ्य और पारण वाले दिन उषा अर्घ्य जरूर दें और सूर्य देव से कृपा की प्रार्थना करें.
( नोट – सम्पूर्ण जानकारी पौराणिक कथाओं कहानियों पर आधारित हैं किसी भी तरह की तथ्यात्मक चूक के लिए लोकल 18 की जिम्मेदारी नहीं होगी )
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FIRST PUBLISHED : November 18, 2023, 09:15 IST