अनूप पासवान/कोरबाः- नशाखोरी पर अंकुश लगाने के लिए कोरबा पुलिस अब अलर्ट पर हो गई है. सभी मेडिकल दुकान संचालकों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि ऐसी दवाईयां जो प्रतिबंधित हैं और जिसे नशा या नींद के लिए उपयोग में लाया जाता है, उन्हें अब बिना डॉक्टर की पर्ची के लोगों को नहीं दी जाएगी. मेडिकेटेड नशा पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस महकमा अलर्ट मोड पर है. इसके साथ ही पुलिस ने दवा विक्रेताओं और मेडिकल स्टोर संचालकों के साथ एक बैठक आयोजित की. इस बैठक में प्रतिबंधित दवाईयों को डॉक्टर की सलाह से ही बिक्री करने के निर्देश दिए गए हैं.
पुलिस महानिरीक्षक अशोक जुनेजा ने अवैध नशा के खिलाफ प्रभावी कार्यवाही के निर्देश जारी किए हैं. उन्होंने इस दिशा में अभियान चलाने का आदेश दिया है, जिसके अंतर्गत शराब, गांजा, और अवैध नशीली पदार्थों के अवैध कारोबार के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी. इस निर्देश के परिणामस्वरूप जिला पुलिस महकमा ने नशे के अवैध कारोबार के खिलाफ एक अभियान की शुरुआत की है.
नशाखोरी पर लगेगी लगाम
इस महत्वपूर्ण कड़ी में पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र शुक्ला के मार्गदर्शन में, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अभिषेक वर्मा ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय में एक बैठक की. इस बैठक में दवाई दुकान संचालक और दवा विक्रेताओं से सहमति प्राप्त करने का प्रयास किया जा रहा है. नशा के लिए उपयोग की जाने वाली दवाईयों को डॉक्टर की पर्ची के बिना नहीं बेचने के निर्देश दिए गए हैं और इस बारे में सतर्कता बनाए रखने को कहा गया है. साथ ही ऐसे लोगों को भी सूचित करने का निर्देश दिया गया है, जो इन दवाईयों को अत्यधिक खरीदते हैं, ताकि किसी भी अनैतिक उपयोग की आशंका ना हो सकें.
नशे का होता है एहसास
नारकोटिक्स श्रेणी की दवाइयों जैसे निट्राजेपम, अल्प्राजोलम, क्लोनाजेपम, स्पास्मो प्राक्सीवोन, लिट्रावेट, एटीजोलम, कोरेक्स के इंजेक्शन, सौरप और टेबलेट को खाने से नींद या नशा जैसा लगता है. इन दवाईयों का गलत उपयोग न हो, इसके लिए दिशा-निर्देश दिए गए हैं. ऐसी दवाईयों का नशे के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. पुलिस ने जिले भर के दवा दुकानों में मेडिकेटेड नशे को रोकने के लिए यह पहल की है.
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FIRST PUBLISHED : January 14, 2024, 13:57 IST