नवोदय विद्यालय में कितनी लगती है फीस, किसे मिलती है छूट, एडमिशन के नियम जानें

Navodaya School Admission : देश के बेहतरीन स्कूलों की चर्चा जब भी होती है, उसमें जवाहर नवोदय विद्यालय का नाम टॉप पर आता है. इसकी कई वजहें हैं. जिसमें बेहतरीन पढ़ाई, इन्फ्रास्ट्रक्चर और टीचिंग फैसिलिटी शामिल है. यह सीबीएसई से संबद्ध रेजिडेंशियल स्कूल है. जिसमें स्टूडेंट्स को ट्यूशन फीस नहीं देनी पड़ती. हालांकि नौवीं से 12वीं तक के बच्चों को 600 रुपये प्रति माह विद्यालय विकास निधि में जमा करने होते हैं. सरकारी कर्मचारी के बच्चों के लिए यह फीस 1500 रुपये महीने है. एससी, एसटी, गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों के बच्चों और लड़कियों के लिए यह फीस माफ है.

जवाहर नवोदय विद्यालय में शैक्षणिक सत्र 2024-25 में एडमिशन के लिए प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. 6, 9 और 11वीं में दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षाएं जनवरी और फरवरी में होनी हैं. छठवीं कक्षा के लिए प्रवेश परीक्षा 20 जनवरी को होगी. जिसके लिए एडमिट कार्ड जारी किए जा चुके हैं. इसके अलावा नौवीं और 11वीं की प्रवेश परीक्षा 10 फरवरी को होगी. आइए जानते हैं जवाहर नवोदय विद्यालय में कितनी फीस लगती है…

1- जवाहर नवोदय विद्यालय दुर्गम और खतरनाक इलाके में स्थित नहीं है तो स्टूडेंट को 9 महीनों तक .1746/- रुपये हर महीने मेस के लिए देने होंगे. हर साल लगभग 15,714/- रुपये मेस फीस के तौर पर जमा करने होंगे. इसके अलावा हर महीने 353 रुपये अन्य खर्च के लिए भी देने होंगे.

2- अगर नवोदय विद्यालय दुर्गम और खतरनाक इलाके में है तो मेस की फीस 2037/- रुपये प्रति महीना है. इस हिसाब से एक साल की मेस की फीस .18,333/- रुपये हुई. अन्य खर्च के लिए हर महीने 353 रुपये की फीस अदा करनी होगी. यह फीस 9 महीने तक जमा करनी होती है.

3. अत्यंत दुर्गम और कठिन परिस्थितियों वाले वाले स्कूलों में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स को मेस की फीस 2138/- प्रति माह के हिसाब से नौ महीने की फीस 19,242/- देनी होगी. इसके अतिरिक्त 407/- प्रति माह और देने होंगे.

4.आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, केरल, ओडिशा, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, गुजरात, दमन और दीव, महाराष्ट्र, गोवा, दादरा व नगर हवेली, अंडमान एवं निकोबार, पुडुचेरी और लक्षद्वीप जैसे समशीतोष्ण जलवायु में स्थित स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को प्रति वर्ष 2640/- यूनिफॉर्म फीस देनी होगी. जबकि पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, यूपी, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ और चंडीगढ़ में मौजूद जेएनवी के लिए प्रति वर्ष 3300 रुपये देने होंगे. इसी तरह जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, उत्तराखंड, उत्तर पूर्वी क्षेत्र और हिमाचल में स्थित जेएनवी के स्टूडेंट्स को हर साल 3696/-देने होंगे.

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नवोदय विद्यालय में एडमिशन के नियम

  • जवाहर नवोदय विद्यालय में एडमिशन प्रवेश परीक्षा के जरिए मिलता है. जवाहर नवोदय विद्यालय चयन परीक्षा (जेएनवीएसटी) है. नवोदय विद्यालय में एडमिशन के नियम इस प्रकार हैं-
  • -स्टूडेंट्स सिर्फ अपने ही जिले में मौजूद नवोदय विद्यालय में एडमिशन ले सकते हैं. इसके के लिए निवास प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होता है. साथ ही उसी जिले के सरकारी या सरकारी मान्यता प्राप्त स्कूल में पांचवीं तक पढ़ा होना चाहिए.
  • -कक्षा-6 में प्रवेश चाहने वाले अभ्यर्थी सरकारी/सरकारी सहायता प्राप्त/मान्यता प्राप्त विद्यालय से कक्षा-3, 4 और 5 में प्रत्येक वर्ष पूर्ण शिक्षा सत्र में अवश्य पढ़ाई की हो एवं उत्तीर्ण हुआ हो.
  • -नवोदय विद्यालय चयन परीक्षा में एक बार ही बैठने का मौका मिलता है. इस परीक्षा में दोबारा शामिल नहीं हुआ जा सकता.
  • -नवोदय विद्यालय में कम से कम 75 फीसदी सीटें उस जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों के लिए रिजर्व होती हैं. शेष 25 फीसदी सीटें जिले के आरक्षण मानदण्ड के अनुसार खुले तौर पर शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों के उम्मीदवारों की योग्यता के आधार पर भरी जाएंगी.
  • -नवोदय विद्यालय में ग्रामीण कोटे से एडमिशन लेना है तो उसी जिले के ग्रामीण क्षेत्र में स्थित सरकारी/सरकारी सहायता प्राप्त/सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त विद्यालय से तीसरी, चौथी तथा पांचवी कक्षा पास होना चाहिए.
  • जो बच्चे किसी शहरी क्षेत्र में स्थित विद्यालय से तीसरी, चौथी तथा पांचवी कक्षा तक पढ़ाई किए होंगे, उन्हें शहरी क्षेत्र का माना जाएगा.

जवाहर नवोदय विद्यालय में रिजर्वेशन का नियम

-प्रत्येक विद्यालय में 75 फीसदी सीटें ग्रामीण क्षेत्रों के अभ्यर्थियों के लिए रिजर्व होती हैं. जबकि अनुसूचित जाति और जनजाति के बच्चों को रिजर्वेशन जिले की जनसंख्या के अनुपात में देने का नियम है. लेकिन राष्ट्रीय अनुपात 15 फीसदी अनुसूचित जाति और 7.5 फीसदी अनुसूचित जनजाति से कम और 50 फीसदी (दोनों को जोड़कर) से अधिक नहीं होना चाहिए. इसके अलावा कुल सीटों में से एक तिहाई लड़कियों के लिए रिजर्व रखने का नियम है.

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