पुरी के गजपति महाराज दिव्यसिंह देब, लगभग 90 मंदिरों के प्रतिनिधियों और हज़ारों भक्तों की उपस्थिति में पटनायक ने श्रीमंदिर परिक्रमा प्रकल्प का आधिकारिक तौर पर लोकार्पण किया. इन 90 मंदिरों में नेपाल के पशुपतिनाथ मंदिर, उज्जैन के महाकाल मंदिर, वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर, दुबई, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन के जगन्नाथ मंदिरों के प्रतिनिधि शामिल थे.
मुख्यमंत्री ने कहा,”यह परियोजना भगवान जगन्नाथ के आशीर्वाद से ही पूरी हो पाई.” अधिकारियों ने बताया कि इस परियोजना में पार्किंग क्षेत्र, एक नया पुल, तीर्थयात्रियों की आवाजाही को आसान बनाने के लिए एक सड़क, प्रसाधन कक्ष की सुविधाएं, ‘क्लॉकरूम’, शौचालय और अन्य सुविधाएं शामिल हैं.
इस अवसर पर तीर्थ नगरी पुरी को फूलों, रंग-बिरंगी रोशनी और भित्तिचित्रों से सजाया गया है. श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के मुख्य प्रशासक रंजन कुमार दास ने कहा कि 900 मेहमानों के लिए गलियारे में एक हॉल स्थापित किया गया था जिसमें बड़ी डिजिटल स्क्रीन लगाई गई है.
पुरी के जिलाधिकारी समर्थ वर्मा ने कहा, “…सारी व्यवस्थाएं दुरुस्त हैं. प्रशासन ने श्री मार्ग (एक नयी सड़क), श्री सेतु (एक नया पुल) और जगन्नाथ बल्लभ पार्किंग क्षेत्र को आम लोगों के लिए खोल दिया गया है.”
इस बीच मंदिर नगरी में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है और पुलिस की 90 प्लाटून (एक प्लाटून में 30 कर्मी होते हैं) की तैनाती की गई है.
पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अरुण कुमार सारंगी ने कहा कि सीसीटीवी कैमरों से निगरानी रखने के अलावा, पुलिस ने इलाके में बम निरोधक और हमला रोधी टीम के साथ-साथ श्वान दस्ते भी तैनात किए हैं. राज्य सरकार ने बुधवार को सरकारी छुट्टी की घोषणा की थी.
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