पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के छोटे भाई शहबाज शरीफ ने दावा किया है कि उनके भाई को किसी न किसी साजिश के तहत तीन बार सत्ता से बेदखल किया गया था।
उन्होंने दावा किया कि 1999 में ‘‘कारगिल की हार’’ के बाद भी ऐसा ही किया गया था।
नवाज (73) के लंदन में लगभग चार साल के स्व-निर्वासन के बाद 21 अक्टूबर को पाकिस्तान लौटने की उम्मीद है। नवाज चिकित्सा के लिए लंदन गये थे और नवंबर 2019 से वह वहीं रह रहे हैं।
शहबाज ने दावा किया कि सबसे बड़ी साजिश तब हुई थी, जब 1999 में उनके बड़े भाई को सत्ता से बाहर करने के लिए कारगिल पराजय को लेकर उन्हें दोषी ठहराया गया था।
सेना के पूर्व प्रमुख दिवंगत जनरल परवेज मुशर्रफ का नाम लिए बगैर पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के अध्यक्ष ने कहा कि ‘‘कारगिल घटना’’ को अंजाम दिया गया था और इसके मद्देनजर नवाज शरीफ को युद्ध रोकने के लिए अमेरिका जाना पड़ा।
शहबाज ने शुक्रवार को यहां मीडिया से कहा, ‘‘कारगिल पराजय को आसानी से तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ (1999 में) पर थोप दिया गया था। यदि इस कारगिल युद्ध के परिणामस्वरूप कश्मीर पर कब्जा कर लिया जाता तो शायद इतिहास कुछ और होता।’’
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन (भारत के साथ) युद्ध समाप्त करने के लिए नवाज को अमेरिका जाना पड़ा और देश की खातिर अपनी सरकार का बलिदान देना पड़ा।’’
भारतीय सेना ने 26 जुलाई, 1999 को कारगिल की बर्फीली ऊंचाइयों पर लगभग तीन महीने के युद्ध के बाद पाकिस्तानी सेना पर जीत की घोषणा की थी।
कारगिल युद्ध के बाद, जनरल मुशर्रफ ने अक्टूबर, 1999 में नवाज शरीफ की चुनी हुई सरकार के खिलाफ सैन्य तख्तापलट किया और अगले नौ वर्ष तक देश पर शासन किया।
लाहौर उच्च न्यायालय द्वारा चार सप्ताह की जमानत दिये जाने के बाद, नवाज शरीफ नवंबर 2019 से ‘चिकित्सा आधार’ पर लंदन में स्व-निर्वासन में हैं।
इसके बाद उन्हें भ्रष्टाचार के मामले में भगोड़ा घोषित कर दिया गया था।
वह विदेश में इलाज के लिए जमानत लेने से पहले अल-अजीजिया मिल्स भ्रष्टाचार मामले में यहां कोट लखपत जेल में सात साल की जेल की सजा काट रहे थे।
शहबाज ने कहा कि नवाज अपने तीसरे कार्यकाल के दौरान देश में चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) लेकर आये। उन्होंने कहा, ‘‘उनके खिलाफ साजिश तब शुरू हुई जब 2014 में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) प्रमुख इमरान खान के इस्लामाबाद में धरने के कारण चीनी राष्ट्रपति का पाकिस्तान दौरा रद्द कर दिया गया था।’’
उन्होंने कहा, ‘‘और फिर 2017 में, नवाज को पनामा पेपर्स मामले में सत्ता से बाहर कर दिया गया, जिससे पाकिस्तान के विकास में बाधा उत्पन्न हुई।
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