परमजीत कुमार/ देवघर.नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है. झारखंड सहित पूरे देश में नवरात्र का पावन पर्व मनाया जा रहा है. इस दौरान माता भगवती के नौ रूपों की पूजा पूरेविधि विधान से की जाती है. माना जाता है किपूरे श्रद्धा मन से माता दुर्गा की पूजा आराधना करने से भक्त कीमंगलकामनाएं जरूर पूर्ण होती है.वहीं मानता है कि नवरात्र में मां दुर्गा पृथ्वी लोक पर आती हैऔर घर-घर में 9 दिनों में वास करती है. इस साल माता दुर्गा का आगमनहाथी पर हुआ है. वहीं भैस पर विदा लेने वाली हैं. आइये देवघर के ज्योतिषी से इसका क्याप्रभाव पड़ने वाला है…
बैद्यनाथ धाम के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित नंदकिशोर मुद्गल ने लोकेल 18 को बताया कि नवरात्र में मातादुर्गा स्वर्ग लोक से पृथ्वी लोक पर पधारती हैं. पूरे 9 दिनों तक घर-घर में वास करती हैं. वहीं पूरे नौ दिनों तकजो भी माता दुर्गा की विधि विधान से पूजा करता है उसकी मंगल कामनाएं जरूरपूर्ण होती है. हर साल माता दुर्गा का आगमन और विदाई खास वाहन से होतीहै. जिसके कई मायने होते हैं.
भैंस पर विदा होंगी मां दुर्गा
इस साल माता दुर्गा भैंस पर बैठकर विदा लेंगी. माना जाता है कि दुर्गा पूजा में मातापृथ्वी लोक पर पधारती हैं और दुर्गा विसर्जन के साथ ही मांपृथ्वी से विदा हो जाती हैं. माता दुर्गा का आगमन और विदा किसी खास वहां से होता है. माता दुर्गा का आगमन और विदा आने वाले समय के बारे में भी संकेत करता है जैसे माता दुर्गा हाथी पर आगमन होने जा रहा है तो यह किसानों के लिए शुभ संकेत है लेकिन इस साल माता दुर्गा का विदा नवमी दिन यानी 23 अक्टूबर दिन सोमवार को ही हो जा रहा है. इसका मतलब यह है की माता दुर्गा इस बार भैसा पर बैठकर विदा लेंगे जो शुभ संकेत नहीं है.
क्या है संकेत
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अगर माता दुर्गा भैंस पर विदा लेंगे तो यह शुभ नहीं मानी जाती है. यह बीमारी का संकेत देती है. ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि अगर मां दुर्गा भैंस पर बैठकर पृथ्वीलोक से प्रस्थान हो रही हैं. इसका मतलब लोग ज्यादा बीमार होंगे. लोग बुखार, जुकाम, और भी अन्य बीमारी की चपेट में आएंगे.घरों में कलह बढ़ेगी.साथ ही इसे भविष्य में आने वालेसंकटों की चेतावनी भी माना जाता है.
.
FIRST PUBLISHED : October 16, 2023, 12:14 IST