परमजीत कुमार/देवघर. 15 अक्टूबर से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो रही है. यूं तो साल भर में चार नवरात्रि मनाई जाती है. वहीं आश्विन माह में मनाए जाने वाली नवरात्रि को शारदीय नवरात्रि कहते हैं. नवरात्रि में माता दुर्गा के नौ रूपों की पूजा विधि विधान से की जाती है. नवरात्रि के पहले दिन ही कलश स्थापना की जाती है. मान्यता के अनुसार, कलश स्थापना मुहूर्त में ही करनी चाहिए, क्योंकि नौ दिनों यह देवी के स्वरूप में आपके निवास स्थान में विराजमान रहता है.
देवघर के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित नंदकिशोर मुद्गल ने बताया कि इस साल की शारदीय नवरात्रि 15 अक्टूबर से शुरू होने जा रही है. नवरात्रि में कलश स्थापना शुभ मुहूर्त में हो इस बात का ध्यान सभी को विशेष रूप से रखना चाहिए. माता दुर्गा इससे प्रसन्न होती हैं और जातकों की मंगल कामना पूर्ण करती हैं. माता दुर्गा का कलश स्थापना के लिए शुभ योग हस्त नक्षत्र प्रतिपदा तिथि होनी चाहिए. लेकिन, इस साल चित्रा नक्षत्र वैधृति योग पड़ रहा है, जो अशुभ माना जाता है.
कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त
कलश स्थापना हमेशा अभिजीत मुहूर्त और प्रतिपदा तिथि में करना ही शुभ माना गया है और 15 अक्टूबर को अभिजीत मुहूर्त 11 बजकर 38 मिनट सें प्रारंभ होकर 12 बजकर 23 मिनट तक रहने वाला है. वहीं 12 बजकर 24 मिनट मे वैधृति योग शुरू हो रहा है, इसलिए शारदीय नवरात्रि में कलश स्थापना के लिए मात्र 45 मिनट का ही शुभ मुहूर्त है.
इस साल माता दुर्गा आ रही हैं हाथी पर
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि इस शारदीय नवरात्रि में माता दुर्गा की सवारी हाथी है. इस बात का प्रबल संकेत है की सर्वत संपन्नता बढ़ेगी. साथ ही देश भर में अच्छी बारिश होने की भी संभावना है. माना जाता है जब भी माता दुर्गा हाथी पर सवार होकर आती हैं, तब बारिश होती है. यह किसानों के लिए अच्छी सूचना है.
(NOTE: इस खबर में दी गई सभी जानकारियां और तथ्य मान्यताओं के आधार पर हैं. NEWS18 LOCAL किसी भी तथ्य की पुष्टि नहीं करता है.)
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FIRST PUBLISHED : October 7, 2023, 15:35 IST