नवरात्रि में करें दुर्गा सप्तशती के चमत्कारिक उपाय, ऐसे विधान करने से मिलेगी रोगों से मुक्ति! ज्योतिषी से जानें महत्व

अभिलाष मिश्रा/ इंदौर :जो भी लोग लंबे समय से स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझ रहे हैं या फिर किसी गंभीर या बड़ी बीमारी से ग्रसित हैं और जल्द से जल्द रोगों से छुटकारा पाना चाहते हैं, तो वे सभी इस नवरात्रि में मां दुर्गा से जुड़े हुए इन चमत्कारिक उपायों को करके जीवन में परिवर्तन ला सकते हैं.

इंदौर के प्रसिद्ध ज्योतिष आचार्य पंडित कपिल महाराज ने कहा है कि जब भी हम देवी की सच्चे मन से आराधना करते हैं तो देवी हमें सबसे पहले उत्तम स्वास्थ्य ही प्रदान करती हैं, लेकिन फिर भी दुर्गा सप्तशती से जुड़े हुए कुछ ऐसे चमत्कारी उपाय हैं जिनको करके हम अपने जीवन में उत्तम स्वास्थ्य को प्राप्त कर सकते हैं.रोगों से मुक्ति पाने के लिए जो सबसे सरलतम उपाय है उनमें मां दुर्गा का यह चमत्कारिक मंत्र है. जिसका जिक्र मां दुर्गा सप्तशती में मिलता है.जो भी व्यक्ति नियमित रूप से पवित्र अवस्था में श्रद्धा पूर्वक इस मंत्र का पाठ करेगा. उस व्यक्ति की सभी रोग और व्याधियां अपने आप समाप्त हो जाएंगी.

यह चमत्कारिक मंत्र रोगों से दिलाएगा मुक्ति
रोगानशेषानपहंसि तुष्टा रुष्टा तु कामान सकलानभीष्टान्। त्वामाश्रितानां न विपन्नराणां त्वामाश्रिता हाश्रयतां प्रयान्ति।।

जवारों से जुड़ा हुआ महत्वपूर्ण उपाय
दूसरा सबसे महत्वपूर्ण उपाय है यह है कि दुर्गा पूजा के पहले जिन जवारों को बोया जाता है. आज से पहले शायद हमने उन जवारों का विसर्जन ही किया होगा. पंडित कपिल महाराज बताते हैं कि मैं आपको उन जवारों से जुड़ा हुआ बहुत महत्वपूर्ण लाभ बताता हूं. अगर आपने उन जवारों को भगवती का प्रसाद समझकर उन जवारों का जूस निकाल कर अगर आप पीते हैं. तो आपने 9 दिनों तक जो पाठ किया है पाठ की पूरी शक्ति आपके अंदर समाहित हो जाती है. इससे आपको स्वास्थ्य लाभ भी मिलेगा और मां भगवती का आशीर्वाद भी मिलेगा. इस जूस को पीते हुए भी पूर्व में बताए गए मंत्र का अगर मन ही मन पाठ किया जाए तो सोने में सुहागे की तरह है.अगर किसी भी व्यक्ति के जीवन में शक्ति की कमी आ रही है यानी उसके स्वास्थ्य में गिरावट आ रही है तो शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक शक्ति को पुनः प्राप्त कर पूर्ण स्वास्थ्य को प्राप्त करने के लिए व्यक्ति दुर्गा सप्तशती में वर्णित इन दो चमत्कारिक मंत्रों का भी पाठ कर सकते हैं. जिससे शत-प्रतिशत व्यक्ति को अपने जीवन में आरोग्य की प्राप्ति होगी.

पहला मंत्र कुछ इस प्रकार है
या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

दूसरा मंत्र अर्गलास्तोत्र में वर्णित है
देहि सौभाग्यं आरोग्यं देहि में परमं सुखम्‌।रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषोजहि॥
आरोग्य एवं सौभाग्य प्राप्ति के लिए इस चमत्कारिक फल देने वाले मंत्र को स्वयं देवी दुर्गा ने देवताओं को दिया है.

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