विनय अग्निहोत्री / भोपाल. सनातन धर्म में नवरात्रि का यह पर्व विशेष स्थान रखता है. प्रत्येक वर्ष में चार बार नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है. अश्विन माह में पड़ने वाली नवरात्रि को शारदीय नवरात्रि कहा जाता है. आज शारदीय नवरात्रि का दूसरा दिन ब्रह्मचारिणी माता का होता है. नवरात्रि में रोग बाधाओं मुक्त होने के लिए शास्त्रों में कुछ उपाय बताए गए हैं.
संस्कृत संस्थान भोपाल ज्योतिष डिपार्टमेंट के प्रोफेसर भूपेंद्र पांडे ने लोकल 18 से बात करते हुए बताया कि, अगर आप नवरात्रि में दुर्गा सप्तशती के इस मंत्र का जप करते हैं निश्चित रूप से आपको सभी प्रकार की रोग बाधाओं से मुक्ति मिलेगी चाहे वह कोरोना काल से कोई बीमारी हुई हो या फिर आजकल के समय के खान-पान की भी बीमारी हो सकती है इससे भी आपको छुटकारा मिलेगा.
रोग बाधाओं से छुटकारा
जन्मान्तर पापं व्याधिरूपेण बाधते।तच्छान्तिरौषधप्राशैर्जपहोमसुरार्चनै:।।
आयुर्वेद की मान्यता है कि जप, हवन, देवताओं का पूजन, ये भी रोगों की दवाएं हैं. ऐसे में रोगों के नाश के लिए पूजा और देवताओं के मंत्र की उपयोगिता बताई गई है. हमारे शास्त्रों में हर समस्या का समाधान भी बताया गया है, अगर किसी समाधान का हम उचित तरीके से नियम से पालन करके करते हैं वह जरूर सक्सेसफुल होता है. दुर्गा सप्तशती में सभी प्रकार की समस्याओं से निपटने के लिए अनेक प्रकार के मंत्रों का विवरण है.
इस मंत्र का करेंगे जप
दुर्गा सप्तशती के इस मंत्रका रोगानशेषानपहंसि तुष्टा रुष्टा तु कामान् सकलानभिष्टान्। त्वामाश्रितानां न विपन्नराणां त्वामाश्रिता ह्माश्रयतां प्रयान्ति॥ इस मंत्र का जप करने से पहले करने से पहले स्नान कर लें. भगवती की पूजा कर ले और एक संकल्प ले, संकल्प उतना ही करें जितना आप करने में समर्थ बीच में जप छोड़ना अखंडितमाना गया है. इस मंत्र का जप से जल्द आपका रोग समाप्त हो जाएगा.इसके अलावा दुर्गा शक्ति के 12th अध्याय में‚ सर्वबाधासु घोरासु वेदनाभ्यर्दितोऽपि वा ॥ स्मरणममैतच्छरितं नरो मुच्येत् संकटात्। आप इस मंत्र का भी जप कर सकते हैं.
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FIRST PUBLISHED : October 16, 2023, 11:40 IST