मनीष कुमार/कटिहार. दुर्गा पूजा के महानवमी तिथि में कुमारी कन्याओं के पूजन का खास महत्त्व है. भारतीय संस्कृति में कुंवारी कन्याओं को मां दुर्गा का साक्षात स्वरूप माना गया है, इसीलिए नवरात्रि व्रत कन्या पूजन के बिना को पूरा नहीं माना जाता है. मान्यतों के अनुसार कन्या पूजन से मां बेहद प्रसन्न होकर भक्तों की सभी मनोकामनााओं को कर देती हैं. इतना ही नहीं देवी पुराण के अनुसार मां को हवन और दान से अधिक प्रसन्नता कन्या भोज से मिलती है. इस पर विशेष जानकारी प्रसिद्ध आचार्य राम कन्हाई शास्त्री ने दी है.
मिलेगा मनवांछित फल
आचार्य राम कन्हाई शास्त्री ने महानवमी तिथि में कुमारी कन्या पूजन के खास महत्व को बताया. उन्होंने कहा कि महानवमी के मौके पर कन्या पूजन के लिए 2 वर्ष से लेकर 10 वर्ष तक के बच्चों को पूजन के लिए प्राथमिकता देना चाहिए. माता के स्वरूप मानकर बच्चियों की पूजा करने से काफी फायदा होता है. महानवमी पर कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त 23 अक्टूबर को सुबह 6 बजकर 27 मिनट से लेकर सुबह 7 बजकर 51 मिनट तक रहेगा
महानवमी तिथि में पूजने से यह है फायदा
कन्या पूजन के बाद कन्याओं को लाल वस्त्र या लाल चुनरी अवश्य देना चाहिए. आचार्य जी के अनुसार नवरात्र के किसी भी तिथि में कन्या पूजन कर सकते हैं लेकिन नवमी तिथि में सच्चे मन से कन्या पूजन फलदाई होता है. महानवमी तिथि में कन्या पूजन के खास महत्व माना जाता हैं. इससे मां प्रसन्न होती हैं, जिसका फल भक्तों को मिलता है.
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कुमारी कन्याओं को जो भोजन कराया जाता हैं, वो मां स्वयं भी ग्रहण करती हैं. इसलिए कुमारी कन्याओं का सच्चे मन से पूजन करना चाहिए और कुमारी कन्याओं को भोजन कराना चाहिए.
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FIRST PUBLISHED : October 23, 2023, 07:26 IST