नवजात बच्चों की जांच के लिए अब घर आएंगे स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी, जानिए पूरी डिटेल

राहुल मनोहर/सीकर. स्वास्थ्य विभाग ने राष्ट्रीय नवजात अभियान की शुरुआत करके नवजात शिशुओं और बच्चों को निमोनिया जैसी बीमारियों से बचाव और उपचार के लिए महत्वपूर्ण पहल की है. इस अभियान के तहत, स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी घर-घर जाकर नवजात शिशुओं की स्वास्थ्य स्थिति की जांच करेंगे और नवजात सप्ताह के अंतर्गत हाल ही में जन्मे बच्चों पर विशेष ध्यान देंगे. इसके साथ ही, इन बच्चों को स्वास्थ्य सेवाओं का श्रेष्ठ से श्रेष्ठ लाभ पहुंचाने के लिए उपायुक्त उपाय किए जाएंगे. यह अभियान नवजात शिशुओं की स्वस्थ और सुरक्षित शुरुआत के लिए महत्वपूर्ण है.

स्वास्थ्य विभाग ने दो प्रमुख अभियानों की शुरुआत की है, जो नवजात बच्चों के स्वास्थ्य की देखभाल को बढ़ावा देने के लिए उदाहरणीय कदम हैं. पहला है राष्ट्रीय नवजात सप्ताह अभियान, जो 15 नवंबर से 21 नवंबर तक मनाया जा रहा है, जिसका मुख्य उद्देश्य नवजात शिशुओं के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान देना है.  दूसरा है “सांस अभियान,” जो 28 फरवरी 2024 तक चलेगा और इसके अंतर्गत नवजात बच्चों की विशेष जांच की जाएगी, जिससे उन्हें स्वस्थ और सुरक्षित जीवन की शुरुआत मिले.

सीएमएचओ डॉ. निर्मलसिंह ने बताया कि राष्ट्रीय नवजात सप्ताह और सांस अभियान के सफल क्रियान्वयन की सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक तैयारियों और गतिविधियों पर चर्चा की गई है. इसके दौरान, गंभीर बच्चों के इलाज के लिए गहन चिकित्सा इकाइयों की विजिट की जाएगी, ताकि उन्हें बेहतर बनाने के लिए आवश्यक कार्रवाई की जा सके. आशा-एएनएम के माध्यम से बीमार बच्चों की स्क्रीनिंग के लिए डोर-टू-डोर सर्वे किया जाएगा, और इसके साथ ही रैफरल व्यवस्थाएं और उपचार की सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी. चिकित्सा अधिकारियों को आकस्मिक निरीक्षण और मॉनिटरिंग के निर्देश दिए गए हैं.

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