बेंगलुरु के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस (आईआईएससी) के रिसर्चर्स ने एआई बेस्ड एक टूल बनाया है जो नर्व्स सिस्टम से जुड़े डिसऑर्डर ‘कार्पेल टनल सिंड्रोम’ (सीटीएस) का पता लगा सकता है. आईआईएससी के शोधकर्ताओ ने एस्टर-सीएमआई अस्पताल, बेंगलुरु के साथ पार्टनरशिप में यह ‘टूल’ विकसित किया है जो अल्ट्रासाउंड वीडियो में ‘मीडियन’ नर्व्स का पता लगाकर सीटीएस की पहचान करता है.
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शोधकर्ताओं ने कहा कि हाथ में बांह के अगले हिस्से से जाने वाली ‘मीडियन नर्व’ जब कलाई के ‘कार्पेल टनल’ हिस्से में दब जाती है तो सुन्नपन, सिहरन और दर्द जैसे लक्षण सामने आते हैं.
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उन्होंने कहा कि यह नर्व्स सिस्टम से रिलेटेड डिसऑर्डर है और खासतौर उन लोगों को प्रभावित करता है जो हाथ से लंबे समय तक काम करते हैं. इनमें कीबोर्ड पर काम करने वाले कर्मचारी, बढ़ई, वायलिन वादक, संगीतकार और खिलाड़ी आदि शामिल हैं.
वर्तमान में ‘मीडियन नर्व’ का पता लगाने और इसके आकार को मापने के लिए अल्ट्रासाउंड का इस्तेमाल किया जाता है.
आईआईएससी में एमटेक के एलुमनी करण आर गुजराती ने कहा, “एक्स-रे और एमआरआई स्कैन के विपरीत अल्ट्रासाउंड की तस्वीरों तथा वीडियो का अध्ययन करना कठिन होता है.”
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)