नर्मदापुरम: बेमौसम बारिश से 75 हजार हेक्टेयर फसल पर मंडराया खतरा, पीले पड़ने लगे पौधे

दुर्गेश सिंह राजपूत/नर्मदापुरम. जिले में पिछले दिनों हुई बारिश से किसानों की चिंता फसलों को लेकर बढ़ती नजर आ रही है. 75 हजार हेक्टेयर में चने की फसल पर पत्ते खाने वाली इल्लियां लगने लगी हैं. सर्द हवाओं और पिछले दिनों हुई बेमौसम बारिश के कारण चने की फसल प्रभावित होने का डर किसानों को सताने लगा है. चने की फसल अब पीली पड़ने लगी है. फसल को बचाने के लिए किसानों ने खेतों में दवा का छिड़काव शुरू कर दिया है. कृषि विभाग भी फसलों पर नजर बनाए है. चने के पौधे लगभग 10 इंच के हो गए हैं.

कृषि विभाग के अनुसार, किसानों को फसलों का उपचार करना चाहिए. सलाह लेकर कीटनाशक दवा का सावधानी पूर्वक छिड़काव करना चाहिए. नियमित छिड़काव से इल्लियां दूर होती हैं. जिले में चने की फसल में हो रहे बदलाव की जानकारी के लिए विभाग का मैदानी अमला काम कर रहा है. नमी होने के कारण इनमें इल्ली लग रहीं हैं, जो पौधों के पत्तों को खा जाती है. इससे पौधा खराब हो जाता है. नमी के कारण कचरा भी खेतों में ज्यादा हो रहा है. जिस पर स्प्रे करना पड़ रहा है. ग्राम रोहना, डोलरिया, आवंलीघाट, बाबई से पिपरिया के बीच कई खेतों में चने के पौधों पर इल्लियां देखी गई है.

किसान दवा का इस्तेमाल करें
उप संचालक कृषि जेआर हेडऊ ने बताया कि चने को इल्लियों से बचाने के लिए किसानों ने दवा का छिड़काव खेतों में करना शुरू कर दिए हैं. कृषि विभाग किसानों को फसल में कितनी मात्रा में कौन सी दवा डालनी है, इसकी जानकारी भी लगातार दे रहा है. चने से इल्लियों को दूर करने के लिए किसान दवा का इस्तेमाल करें. अभी इल्लियों की शुरुआत है, नियमित उपचार से इसे संभाला जा सकता है. गेहूं की फसल के लिए तेज ठंड और बारिश फायदेमंद है.

खरपतवार और मौसम ने चिंता में डाला
किसान धनंजय बताते हैं कि हमने 15 एकड़ में चने की बावनी की है. वर्तमान में इस फसल के लिए मौसम प्रतिकूल है, नमी के कारण खरपतवार ज्यादा हो रही है, फूल भी नहीं आ रहे हैं. शाखाएं भी नहीं फूट रही, इससे उत्पादन प्रभावित होगा. किसान राकेश राजपूत ने बताया कि इस बार किसानों को चने की फसल से बढ़ी उम्मीदें थी, लेकिन मौसम ने किसान को चिंता में डाल दिया है. चने की फसलों में इल्लियां लगना शुरू हो गई हैं. इससे फसल खराब होने की आशंका बनी हुई. सिवनी मालवा क्षेत्र में कई ग्रामों में चने के पौधे पीला पड़ने की समस्या बन गई है. किसानों का कहना है कि बारिश होने के कारण पौधों की जड़ें खराब हो रही हैं, इसलिए पौधे पीले होने लगे हैं. किसानों ने चने की सिंचाई करना बंद कर दिया है.

गेहूं के बारिश और ठंड लाभकारी
चने की फसल पर मौसम का विपरीत असर हुआ है, लेकिन जिले में 2 लाख 45 हजार हेक्टेयर में लगी गेहूं की फसल के लिए तेज ठंड और बारिश अमृत साबित हुई है. गेहूं के पौधे तेजी से बढ़ रहे हैं. इससे उत्पादन और उपज में बढ़ोतरी होगी.

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