सत्यम कुमार/भागलपुर: माघ मास की कृष्ण पक्ष चतुर्दशी को नरक निवारण चतुर्दशी कहा जाता है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान महादेव की पूजा-अर्चना करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है और लोगों को नरक से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस दिन को मासिक शिवरात्रि भी कहा जाता है. इस साल 24 फरवरी को नरक निवारण चतुर्दशी पड़ रही है. आइए पंडित गुलशन झा से जानते हैं कि इस दिन भगवान महादेव की किस तरह से पूजा-अर्चना की जाए ताकि लाभ मिल सके.
सनातन धर्म में चतुर्दशी का विशेष महत्व है. वैसे अगर पूरे साल की बात करें तो लगभग 24 चतुर्दशी होती है. चतुर्थी तिथि के दिन भगवान शिव की आराधना करना काफी शुभ माना जाता है. पंडित गुलशन झा ने बताया कि ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती का विवाह तय हुआ था. जो भी लोग नरक चतुर्दशी का व्रत करते हैं उन्हें नरक नहीं जाना पड़ता है. उन्होंने बताया कि इस दिन गंगा स्नान का काफी महत्व है. इस दिन भगवान शिव पर गंगाजल, दूध, दही, घी, मधु, शक्कर, भांग, इत्र, गुलाब जल, फूल, बेलपत्र से करें पूजा तो विशेष लाभ मिलता है. उन्होंने बताया कि अगर इस दिन भगवान शिव को अगर लौंग अर्पण किया जाय तो लोगों के सभी कष्ट दूर हो जाएंगे.
जानिए नरक निवारण चतुर्दशी का शुभ मुहूर्त
पंडित गुलशन झा ने बताया कि 8 फरवरी 2024 को सुबह 06:41 बजे से चतुर्दशी की तिथि प्रारंभ हो रही है. अगले दिन 09 फरवरी के 07:22 बजे तक चतुर्दशी की तिथि ही रहेगी. पंडित गुलशन झा ने बताया कि इसकी शुरुआत उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में हो रही है. जो काफी लाभदायक है. अगर इस दिन भगवान शिव के साथ मां पार्वती की पूजा की जाए तो उत्तम लाभ मिलेगा.
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FIRST PUBLISHED : February 7, 2024, 18:43 IST
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