नन्हे-मुन्नों पर चढ़ा भक्ति रंग…यहां बच्चे कर रहे रामायण का जीवंत मंचन

दीपक पाण्डेय/खरगोन. 22 जनवरी 2024 को भगवान श्रीराम अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर में विराजेंगे. पूरी दुनिया इस ऐतिहासिक लम्हें की साक्षी बनेगी. वहीं प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव को लेकर कई तरह के आयोजन भी जगह जगह किए जा रहे हैं. महिला, पुरुष, बच्चे, बुजुर्ग हर कोई राम नाम जप रहा है, लेकिन इन सब से दूर मध्य प्रदेश के खरगोन से करीब 27 Km दूर ग्राम बामनाला में रामायण का जीवंत मंचन लोग देख रहे हैं. खास बात यह है कि मंचन करने करने वाले छोटे-छोटे बच्चे हैं.

एक जमाने में जब रामानंद सागर की रामायण का प्रोग्राम टीवी पर आता था तो परिवार के सारे सदस्य काम काज छोड़कर रामायण देखने बैठ जाते थे. बदलते दौर में भागदौड़ भरी जिंदगी में रामायण की प्रासंगिकता को पुनर्जीवित करते हुए इतने वर्षों बाद वहीं दृश्य फिर एक बाद बमनाला में देखा जा रहा है, लेकिन इस बार टीवी पर ट्रेंड कलाकारों द्वारा नहीं, बल्कि बच्चों के गांव की चौपाल पर रामायण के एक-एक प्रसंग का जीवंत मंचन वर्तमान परिदृश्य से जोड़ते हुए दिखाई जा रही है.
गांव के 7 से 15 वर्ष तक के करीब 25 बच्चों की ओर से 1 जनवरी 2024 से रोजाना रात 9 से 9:30 बजे तक रामायण के एक एक प्रसंग का जीवंत मंचन किया जा रहा है. देखने के लिए पूरा गांव समय से पहले श्री कृष्ण मंदिर परिसर पहुंच जाता है. राम, सीता, लक्ष्मण, हनुमान, रावण सहित रामायण के तमाम पात्रों का अभिनय बच्चें कर रहे हैं. मंचन कैसे करना है, कौन क्या पात्र निभाएगा सबकुछ बच्चें तय करते हैं.

धर्म संस्कृति के साथ राम को समझा
समाज सेविका और इस कार्यक्रम की मुख्य कड़ी ममता सावनेकर ने बताया कि बच्चे टेक्नोलॉजी के जमाने में धर्म से दूर होते जा रहे हैं. रामायण का हर एक प्रसंग हमारे जीवन को एक नई दिशा प्रदान करता है. इसलिए राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के उपलक्ष में बच्चों द्वारा संस्कृति से जोड़ने और रामजी के जीवन चरित्र को समझ सकें. वहीं राम का किरदार निभा रहे विष्णु सावनेर ने कहा कि खुद को सौभाग्यशाली मानते हैं जो रामजी का किरदार निभाने का अवसर मिला है.

ग्रामीण महिलाओं की प्रतिक्रिया
श्याम सोनी ने कहा कि मोबाइल की दुनिया से बाहर निकालकर धर्म जागरण के उद्देश से रामायण का मंचन कर रहे हैं. कार्यक्रम के पहले रामायण का प्रसंग देखते हैं और फिर यहां उसका मंचन करते हैं. 21 जनवरी तक यह कार्यक्रम चलेगा. गांव की गुलाब बाई, कुंती बाई, आरती कानूनगो, संगीता डोंगरे, अनिता तारे में कहा कि आज के जमाने में हमारी धर्म संस्कृति विलुप्त हो रही है. बच्चे उसे पुनर्जीवित कर रहे हैं, यह देख बहुत अच्छा लग रहा है. रामायण के पात्र निभाते हुए बच्चे राम और रामायण को समझ रहे हैं. इससे उनके जीवन में काफी बदलाव आयेगा.

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