ओम प्रकाश निरंजन /कोडरमा.दीपावली के दौरान जब सभी लोग अपने घरों की साफ सफाई में व्यस्त थे. इस दौरान एक बुजुर्ग महिला को घर के बाहर अकेले मायूस बैठने का कारण जाने के बाद महिला के जवाब ने बच्चों को काफी प्रभावित किया है. उन्हें इनोवेशन की तरफ सोचने पर मजबूर कर दिया. इस परिस्थिति से प्रेरित होकर ग्रिजली विद्यालय तिलैया डैम के तीन छात्राओं ने ऐसा रोबोट तैयार कर दिया. जिससे न सिर्फ राष्ट्रीय स्तर पर बल्कि ग्लोबल स्तर पर अपनी टेक्नोलॉजी का परचम लहराया है.
ग्रिजली विद्यालय तिलैया डैम में साइंस व प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के मकसद से भारत सरकार के नीति आयोग के अटल इनोवेशन मिशन के तहत बाल अंवेषकों को तैयार करने और युवा उद्यमियों को विकसित के उद्देश्य से संचालित अटल टिंकरिंग लैब के शिक्षक कुणाल अम्बष्ठा के मार्गदर्शन में कक्षा 9 की छात्रा श्रृष्टि सिंह, अन्वेषा विश्वास और श्रृष्टि तिवारी ने रोबोट ‘टाइटन’ तैयार किया है. जो मानव जीवन के दिनचर्या में काफी सहयोगी साबित होगा और उनकी जीवन को आसान बनाएगा.
महिला के जवाब से प्रभावित होकर बना डाला रोबोट
श्रृष्टि तिवारी ने कहा कि दीपावली के समय उन्होंने अपने पड़ोस की एक दादी को गुमसुम अकेले बैठा देखा था. इसका कारण पूछने पर दादी के द्वारा जवाब दिया गया था कि उसके घर में कोई भी व्यक्ति नहीं है, जो दीपावली में घरों की साफ सफाई करें और उसका ख्याल रखें. बुजुर्ग महिला की इस जवाब ने सृष्टि को काफी प्रभावित किया. इसके बाद सृष्टि ने अटल टिंकरिंग लैब के शिक्षक से इस मुद्दे पर चर्चा कर एक रोबोट बनाने की दिशा में कदम बढ़ाया जो लोगों के सुख-दुख में उसका साथी बनेगा और उनकी दैनिक कार्यों में मदद करेगा.
5 महीने के इनोवेशन और ट्रायल के बाद तैयार हुआ रोबोट
‘टीम टाइटन’ की अन्वेषा विश्वास ने कहा कि विद्यालय के अटल टिंकरिंग लैब में विद्यालय के द्वारा उपलब्ध कराए गए सामग्रियों से उनकी टीम ने रोबोट बनाने की दिशा में कार्य शुरू किया. इसके बाद सेंसर, मोटर, मदरबोर्ड, आर्डयूनो, मेटल बॉडी, माइक, स्पीकर के माध्यम से 5 महीने तक इनोवेशन और ट्रायल के आधार पर रोबोट को तैयार किया गया. इसके बाद इसके बेहतर कार्य को लेकर कोडिंग और प्रोग्रामिंग की गई. रोबोट वॉइस कमांड पर काम करती है. रोबोट तैयार करने में करीब 17 हजार रूपये की सामग्रियों का इस्तेमाल किया गया है.
रोबोट की कार्य क्षमता ने ग्लोबल इनोवेटर्स को किया आकर्षित
श्रृष्टि सिंह ने आगे कहा कि रोबोट को तैयार करने के बाद उनकी टीम ने वैश्विक प्रौद्योगिकी अग्रणी डेल इंकॉर्पोरेशन के प्रतियोगिता में हिस्सा लिया. जिसमें 12 हजार से अधिक प्रतिभागी थे. जिसमें उनके रोबोट टाइटन का चयन टॉप 100 प्रतिभागियों में किया गया. इसके बाद दूसरे चरण में उनका चयन टॉप 30 प्रतिभागियों में किया गया. जिसमें उन्हें डेल कंपनी के द्वारा आयोजित 6 दिनों के इंटर्नशिप में हिस्सा लेने का अवसर मिला. बेंगलुरु में आयोजित इंटर्नशिप में देश के अलावा विदेश से भी कई इनवेटर शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने ग्लोबल इनोवेटर्स के समक्ष अपने रोबोट ‘टाइटन’ को प्रदर्शित किया. रोबोट की कार्य क्षमता ने सभी को काफी आकर्षित एवं प्रभावित किया. ग्लोबल इनोवेटर्स ने उनकी रोबोट टाइटन को आने वाले भविष्य में काफी सार्थक एवं उपयोगी बताया.
इमरजेंसी में मरीज के परिजनों को भेजेगा अलर्ट नोटिफिकेशन
टाइटन रोबोट तैयार करने वाली छात्राओं ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर उनके इस इनोवेशन की प्रशंसा ने उन्हें इस दिशा में आगे और बेहतर करने के लिए प्रोत्साहित किया है. अब इस टाइटन रोबोट में हार्ट के पेशेंट को ध्यान में रखकर कुछ अतिरिक्त सुविधा जोड़ी जायेगी. जिसके माध्यम से हार्ट पेशेंट के पेस मेकर की गतिविधियों पर नजर रखते हुए रोबोट मेडिकल इमरजेंसी में नजदीकी अस्पताल एवं मरीज के परिजनों को अलर्ट नोटिफिकेशन भेजेगा. ताकि मरीज को आपातकालीन स्थिति में तत्काल मेडिकल सपोर्ट उपलब्ध कराया जा सके.
फिलहाल इन सुविधाओं से लैस है रोबोट ‘टाइटन’
छात्राओं ने बताया कि डेल इनकॉरपोरेशन के द्वारा बेंगलुरु में आयोजित 6 दिनों के इंटर्नशिप के बाद उन्हें इंटर्नशिप और एंटरप्रेन्योरशिप का सर्टिफिकेट एवं ट्रॉफी देकर पुरस्कृत किया है. फिलहाल टाइटन रोबोट में वॉइस कमांड पर मनपसंद गाने सुनने, ट्रे में सामान को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाने, वॉइस कमांड पर चलने, हाथ मिलाने, वॉइस कमांड पर प्रतिक्रिया देने की सुविधा दी गई है.
.
Tags: Education, Jharkhand news, Kodarma news, Latest hindi news, Local18
FIRST PUBLISHED : January 30, 2024, 17:34 IST