नक्सल क्षेत्र के युवाओं का भविष्य संवार रहे हैं 3 रिटायर्ड फौजी

कुंदन कुमार/गया. बिहार के अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र में गिने जाने वाले गया के इमामगंज प्रखंड क्षेत्र के युवाओं के भविष्य को संवारने में तीन रिटायर्ड फौजी जुटे हुए हैं. तीनों रिटायर्ड फौजी क्षेत्र के युवा चाहे वह लड़के हो या लड़कियां उन्हें नि:शुल्क फिजिकल ट्रेनिंग देते हैं. रोजाना सुबह 5 बजे से लेकर 8 बजे तक इमामगंज डुमरिया मोड के पास में ही यह ट्रेनिंग होती है. जहां पर रोजाना लगभग 40 से 50 की संख्या में युवा डिफेंस सेक्टर की तैयारी करने आते हैं. फिजिकल की ट्रेनिंग लेते हैं. तीन रिटायर्ड फौजियों में राजीव कुमार, मंजीत कुमार सिंह और सुजीत कुमार शामिल हैं. तीनों पिछले वर्ष आर्मी से रिटायर्ड हुए हैं.

2 हजार प्रतिमाह में रहना और ट्रेनिंग फ्री
रिटायरमेंट के बाद तीनों फौजी अपने क्षेत्र के युवाओं को देश की सेवा करने के लिए प्रेरित किया. एक फिजिकल अकादमी की शुरुआत की. इसी साल फरवरी महीने से फिजिकल अकादमी चल रहा है. गया के अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र के लगभग 40 युवा यहां पर फिजिकल का ट्रेनिंग निशुल्क लेते हैं. फौजियों के द्वारा संचालित अकादमी में युवाओं के लिए रहने और खाने की व्यवस्था भी की गई है. लेकिन इसमें युवाओं को खाने के लिए प्रतिमाह 2 हजार रुपया देना पड़ता है, जबकि रहना और ट्रेनिंग पूरी तरह निशुल्क है.

युवाओं को डिफेंस की हर ट्रेनिंग इन फौजियों के द्वारा दी जा रही है. रिटायर्ड फौजियों के मदद से पिछले महीने पहली बार इस क्षेत्र से पांच लड़कियों का चयन डिफेंस के विभिन्न सेक्टर में हुई है.

पिछड़े इलाके के बच्चों को बढ़ा रहे हैं आगे
रिटायरमेंट के बाद क्षेत्र के युवाओं के लिए निशुल्क फिजिकल ट्रेनिंग शुरू करने के पीछे उद्देश्य था कि इमामगंज जैसे पिछड़े क्षेत्र से प्रत्येक वर्ष ज्यादा से ज्यादा की संख्या में लोग डिफेंस सेक्टर में जाएं और अपने देश की सेवा करें. रिटायर्ड फौजी मनजीत कुमार सिंह ‘मनजीत फिजिकल अकादमी चला रहे हैं, इनका मानना है कि इस क्षेत्र के लोग काफी पिछड़े और गरीब हैं.

इन्हें उचित मार्गदर्शन मिलना बहुत जरूरी है. युवाओं को स्थानीय स्तर पर ही संसाधन मिले इसलिए हम लोगों ने यह पहल की है. हम लोग भी काफी ग़रीबी से निकलकर भारत माता की सेवा किए और अब हमारी चाहत है कि क्षेत्र के अधिकांश युवा देश सेवा में अपना सहयोग करें.

गरीबी मिटाना है मुख्य उद्देश्य
एक्स फौजी राजीव कुमार और सुजीत कुमार बताते हैं कि हमारे समय में हम लोगों को मार्गदर्शन करने वाला कोई नहीं था. इसलिए हम अपने क्षेत्र के युवाओं को मार्गदर्शन कर रहे हैं. उन्हें देश सेवा में जाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं. जो कुछ भी हम लोगों ने सेना में सीखा है, उसे अपने क्षेत्र के युवाओं को देना चाह रहे हैं. हमें पेंशन मिल जाता है. उसी से परिवार का भरण पोषण हो जाता है. इसलिए क्षेत्र का विकास हो और गरीबी मिटे इसके लिए ज्यादा से ज्यादा युवाओं को अपने साथ जोड़ रहे हैं. इन्हें निशुल्क प्रशिक्षण दे रहे हैं. ताकि वह डिफेंस के किसी सेक्टर में ज्वाइन कर अपने क्षेत्र का नाम रोशन करें.

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