छतरपुर. मध्य प्रदेश के छतरपुर स्थित बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री कई वजहों से चर्चा में बने रहते हैं. वह देश के अलग-अलग हिस्सों में जाकर न केवल धार्मिक सभाएं करते हैं, बल्कि दिव्य दरबार लगाकर लोगों की समस्याओं को दूर करने का दावा भी करते हैं. इसको लेकर वह कई बार विवादों में भी आ जाते हैं. इन सबके बीच, धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने खुद ही एक ऐसी घटना के बारे में बताया है, जिसे सुनकर आप भी अचंभित रह जाएंगे. बता दें कि बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री दिन दिनों दिल्ली में कथा कर रहे हैं. उनके आयोजन में बड़ी तादाद में लोग आ रहे हैं.
बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने उस घटना के बारे में बताया जिसमें वह बिना टिकट ही ट्रेन के एसी फर्स्ट कोच में चढ़ गए थे. उसके बाद उनके साथ ऐसा वाकया हुआ, जिसे सुनकर आप भी दंग रह जाएंगे. दरअसल, एक निजी टीवी चैनल के कार्यक्रम में धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने इस घटना का जिक्र किया है. यह वाकया साल 2014-15 का है. पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने बताया, ‘मैं वृंदावन गया था. मेरे पास 1300 रुपया और नोकिया का मोबाइल फोन था. मथुरा रेलवे जंक्शन पहुंचा तो मेरी जेब कट गई. मोबाइल और पैसा दोनों चला गया. इसके बाद मैंने सोचा कि अब बिना टिकट के चलना है. मैंने सोचा कि जब बिना टिकट के ही जाना है तो फिर जनरल कोच से क्या चलना, एसी कोच से ही चला जाए. ट्रेन आई तो बोगी पर A-1 लिखा था. मैं समझ गया कि असली डब्बा यही है.’
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चलती ट्रेन में आया टीटी
धीरेंद्र शास्त्री ने आगे बताया, ‘मैं एसी वन कोच में घुस गया, लेकिन एक भी सीट खाली नहीं थी. इसके बाद मैं गेट पर आ गया और खड़ा हो गया. इतने में टीटी आ गया और पूछा टिकट. मैंने उनसे कहा कि श्रीमान जी यदि मेरे पास टिकट होता तो ऐसे खड़े होते. टिकट होता तो आप मुझे भाई साहब कह कर जगाते. टीटी ने कहा कि आगे ग्वालियर में ट्रेन रुकेगी जनरल डब्बे में चले जाना, यह एसी कोच है. इस पर मैंने कहा कि यदि जनरल में जाना होता तो एसी वन कोच में क्यों चढ़ता. इसके बाद टीटी ने अपने जेब में हाथ डाला, मोबाइल निकाला और कहा कि 1250 रुपये जुर्माना लगेगा. मैं पुलिस बुलाउंगा…6 महीने तक जेल में रहोगे और जमानत नहीं मिलेगा.’ बागेश्वर धाम सरकार ने बताया कि टीटीई ने उन्हें धमका कर डराने की कोशिश की थी.
TTE ने सारी रात की सेवा
छतरपुर स्थित बागेश्वर धाम के प्रमुख पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने इसके बाद और दिलचस्प बात बताई. उन्होंने आगे कहा, ‘मैंने बालाजी से प्रार्थन की कि इससे पहले की बेइज्जती हो, जो खोलना हो अभी खोल दो. मैंने टीटी से कहा कि तुम्हारा नाम फलाना सिंह है. इस पर टीटी ने तनकर कहा कि है तो. फिर मैंने कहा कि तुम्हारे पिता का नाम सुजान सिंह और पत्नी का नाम सविता है. अब टीटी का दिमाग खराब हो गया. इसके बाद टीटी ने पूछा कि तुम्हारा घर बिहार है क्या? मैंने स्कूल का आईडी कार्ड दिखा दिया. इसके बाद टीटी ने पूछा कि तुम कैसे जानते हो. मैंने बताया कि मैं तो यह भी जानता हूं कि तुम्हें लड़का नहीं है. इसके बाद टीटी ने मोबाइल अपनी जेब में वापस डाला और मुझे अपनी सीट पर ले गया. सीट पर बैठते ही मुझे नींद आ गई. इसे बाद सारी रात मेरी सेवा करता रहा.’
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FIRST PUBLISHED : December 18, 2023, 12:29 IST