राजकुमार सिंह/वैशाली. एक समय था जब मंदिरों में पूजा करने और बड़े-बड़े शहरों में आयोजित होने वाले बड़े-बड़े कार्यक्रमों में बड़े पैमाने पर फूलों की डिमांड होती थी. लेकिन अब पैटर्न बदल गया है. अब न सिर्फ मेट्रो सिटी, बल्कि छोटे-छोटे शहरों और कस्बों में भी फूलों की मांग बढ़ने लगी है. खासतौर से त्योहार और शादी-विवाह के समय में तो फूलों की सबसे अधिक डिमांड होती है.
यही कारण है कि अब बिहार में भी फूलों की खेती बड़े पैमाने पर की जाने लगी है. हालांकि अभी बिहार में सबसे ज्यादा गेंदा फूल की ही खेती की जा रही है. यही कारण है कि वैशाली जिले में भी गेंदा फूल की खेती शुरू हो गई है.
तीन सीजन में खिलता है गेंदा
वैशाली जिले के बीबीपुर गांव के रहने वाले किसान सुनील कुमार सिंह पहले परंपरागत खेती करते थे. लेकिन वे पिछले 11 वर्षोंसे फूल की खेती कर रहे हैं. वे कहते हैं कि धान और गेहूं की खेती में बहुत ज्यादा फायदा नहीं हो पा रहा था. अलबत्ता उन्हें नुकसान ही हुआ. तभी वर्ष 2012 में उन्होंने अपने एक मित्र को देखा कि वह फूलों की खेती कर अच्छा मुनाफा कमा रहा है.
इसके बाद सुनील ने भी एक एकड़ में फूल की खेती शुरू कर दी. पहली ही बार में तीन माह के अंदर एक लाखसे ज्यादा का मुनाफा कमा लिया. इसके बाद से वे लगातार एक एकड़ में गेंदा फूल की खेती कर रहे हैं. सुनील कहते हैं कि साल में तीन सीजन में गेंदा फूल खिलता है.
प्रति कट्ठा 6000 का मुनाफा
वह बताते हैं कि गेंदा फूल की मांग अधिकतर दीपावली, शादी और बड़े-बड़े कार्यक्रमों में होती है. वे बताते हैं कि एक कट्ठा खेत में फूल के 1000 पौधे लगाए जाते हैं. फूल जब खिलने लगता है, तो एक कट्ठा खेत से 6000 से अधिक रुपए का मुनाफा होता है.
सुनील कुमार सिंह बताते हैं कि वे एक एकड़ में गेंदा फूल की खेती करते हैं. इसमें मेहनत थोड़ा ज्यादा लगता है. लेकिन नगदी फसल है. मुनाफा बढ़िया होता है. इस कारण फूल की खेती करते हैं. सुनील बताते हैं कि वेमुजफ्फरपुर और हाजीपुर के मंडी में इस फूल को बेचा जाता है. वहां अच्छा रेट मिल जाता है.
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FIRST PUBLISHED : December 8, 2023, 21:54 IST