हाइलाइट्स
साल 2022 में दुनिया के सभी देशों ने मिलकर 57.4 बिलियन टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जित किया.
2021-2022 में कार्बन डाइऑक्साइड का वैश्विक उत्सर्जन 1.2 प्रतिशत बढ़ गया
नई दिल्लीः ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन पूरी दुनिया के लिए खतरे का सबब बनता जा रहा है. आए दिन नई चुनौतियां सामने आ रही हैं. इसी क्रम में एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस सदी के अंत तक दुनिया 3 डिग्री सेल्सियस तक और गर्म हो जाएगी. सोमवार को संयुक्त राष्ट्र द्वारा जारी इस रिपोर्ट में कहा गया है कि इस साल की शुरुआत के 86 दिनों में ही धरती 1.5 डिग्री सेल्सियस तापमान की सीमा पार कर चुकी है. हालांकि इसके पीछे वैश्विक ग्रीनहाउस गैस का अत्यधित उत्सर्जन बताया गया है.
पर्यावरण कार्यक्रम से जुड़ी वार्षिक रिपोर्ट संयुक्त राष्ट्र ने जारी की. रिपोर्ट के मुताबिक साल 2022 में दुनिया के सभी देशों ने मिलकर 57.4 बिलियन टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जित किया, जो 2021 की तुलना में 1.2 प्रतिशत ज्यादा है. रिपोर्ट में इस बात पर चिंता जताई गई है कि साल 2020 में कोरोना महामारी के चलते गैस उत्सर्जन में कमी जरूर आई थी. लेकिन साल 2021 और फिर 2022 में ग्रीन हाउस गैसों की अत्यधिक खपत ने फिर से खतरनाक स्तर पार कर दिया है.
ग्रीन हाउस गैसों का उत्सर्जन जिन देशों में सबसे अधिक हुआ है, उनमें चीन और संयुक्त राज्य अमेरिका है. रिपोर्ट में कहा गया है कि पर्वायरण को बचाने के लिए वैश्विक गैस उत्सर्जन में कमी लानी जरूरी है. साल 2024 से हर साल गैस उत्सर्जन में कम से कम 8.7 प्रतिशत की गिरावट होनी चाहिए.
संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम की उत्सर्जन अंतर रिपोर्ट 2023, जिसका शीर्षक “ब्रोकन रिकॉर्ड” है, उसमें कहा गया है कि ग्लोबल वार्मिंग को 2 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने के लिए देशों को उत्सर्जन में 28 प्रतिशत और 1.5 डिग्री सेल्सियस लक्ष्य को पूरा करने के लिए 42 प्रतिशत की कटौती करने की आवश्यकता है.
दुबई में वार्षिक संयुक्त राष्ट्र जलवायु वार्ता या COP28 के 28वें सत्र से पहले जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि 2021-2022 में कार्बन डाइऑक्साइड का वैश्विक उत्सर्जन 1.2 प्रतिशत बढ़ गया. दुनिया पहले से ही गर्मी, बाढ़, आग, चक्रवात और सूखा झेल रही है, जो कि ग्लोबल वार्मिंग का केवल 1.1 डिग्री है.
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Tags: Climate Change, Global warming
FIRST PUBLISHED : November 21, 2023, 07:48 IST