हाइलाइट्स
धरती के अंदर मौजूद तीनों प्लेटें अलग-अलग गति से अलग हो रही हैं.
2005 में इथियोपिया में सबसे पहले 35 मील की दरार आई.
नई दिल्लीः दुनिया भर में बने महाद्वीपों का अपना एक रहस्य है पर हम सभी इन रहस्यों को उतना ही जान पाए, जितना वैज्ञानिकों ने हमें बताया. लेकिन अभी एक नया महाद्वीप हम सभी के सामने तैयार हो रहा है, जिसे हम और आप बनते हुए देख रहे हैं. इथोपिया में करीब 18 साल में अब तक 56 किलोमीटर की लंबी दरार आ चुकी है. यानी कि हर साल एक जमीन का टुकड़ा सवा तीन किलोमीटर टूट रहा है. जमीन का यह टुकड़ा दुनिया के सबसे बड़ा महाद्वीपों में से अलग होने वाला है. नया महाद्वीप बनने वाला है.
ये पूरी कहानी इथोपिया की है, जो धीरे-धीरे अफ्रीका से अलग होता जा रहा है और इस दरार में नया सागर बनेगा. 2005 में इथियोपिया में सबसे पहले 35 मील की दरार आई. तीन टेक्टोनिक प्लेटों के एकदूसरे से अलग होने के चलते दरार तब से बढ़ती जा रही है. ऐसा माना जाता है कि अफ्रीका के नए महासागर को बनने में कम से कम 5 मिलियन से 10 मिलियन वर्ष लगेंगे.
हालांकि इस दरार को लेकर वैज्ञानिकों के मन में कई सवाल हैं. सबसे बड़ा सवाल यह है कि महाद्वीप के दो हिस्सों में बंटने का कारण क्या है. कुछ लोगों का मानना है कि पूर्वी अफ्रीका के नीचे मौजूद गर्म पत्थरों का एक ढेर मौजूद है, जिससे ये दरारे आ रही हैं. कुछ लोगों का मानना है कि तीन टेक्टोनिक प्लेटों में विपरीत दिशा में खिंचाव यानी कि तीनों प्लेट्स एक-दूसरे से अलग दिशा में जा रही हैं और इसके चलते ये दरार आ रही है.
वैसे तो इस समंदर को बनने में 1 करोड़ साल लग सकते हैं. लेकिन ये भी माना जा रहा है कि जलवायु परिवर्तन के कारण ये जल्दी भी हो सकता है. बता दें कि जहां दरार पड़ रही है, वह नूबियन, सोमाली और अरेबियन टेक्टोनिक प्लेट्स के बीच मौजूद है. अभी तक यह तय नहीं हो पाया है कि अफ्रीका का यह हिस्सा अलग क्यों हो रहा है. टेक्टोनिक प्लेटों के अलग होने से समंदर के बीच से रिज सिस्टम बनता है. यानी की नई घाटी तैयार हो रही है.
तीनों प्लेटें अलग-अलग गति से अलग हो रही हैं. अरब प्लेट प्रति वर्ष लगभग 1 इंच की दर से अफ्रीका से दूर जा रही है, जबकि दो अफ्रीकी प्लेटें प्रति वर्ष आधा इंच से 0.2 इंच के बीच और भी धीमी गति से अलग हो रही हैं.
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Tags: Africa, World news
FIRST PUBLISHED : December 13, 2023, 11:30 IST