धनबाद के ‘रत्नेश’ खुद देख नहीं सकते, लेकिन बच्चों के सपनों को लगाते हैं पंख

मोहमद इकराम/धनबाद : शिक्षक साधारण होकर भी समाज में असाधारण भूमिका निभाते हैं. ऐसे ही एक असाधारण शिक्षक धनबाद के बीएसएस बालिका उच्च विद्यालय में अपने असाधारण प्रतिभा से पूरी शिक्षक बिरादरी के लिए असाधारण प्रतिमान गढ़ रहे हैं. रत्नेश खुद अपनी आंखों से देख नहीं सकते, लेकिन वो सैकड़ों आंखों में सुनहरे भविष्य के दीये की लौ रौशन कर रहे हैं.

शिक्षा को ही जीवन की दृष्टि और ऑक्सीजन मानने वाले रत्नेश कुमार ने डबल एमए के साथ बी. एड और एम. एड की डिग्री भी ली है. फिलहाल वो बीएसएस महिला हाई स्कूल में पढ़ाने के साथ- साथ पीएचडी भी कर रहे हैं. आईपीएस बनने की चाह रखने वाले रत्नेश ‘सर’ ने स्कूली पढ़ाई जगजीवन नगर स्थित ब्लाइंड स्कूल से की. जिला स्कूल से उन्होंनें मैट्रिक किया.

पत्नी भी कर रही है पीएचडी

इंटरमीडिएट की पढ़ाई उन्होंनें आरएसपी कॉलेज झरिया से की. पीके राय कॉलेज से उन्होंने एमए किया. जेआरसीएचयू से बीएड और एमएड किया. 2018 में मथुरा में उनकी शादी हुई. चार साल का बेटा है. पत्नी भी पति रत्नेश की तरह पीएचडी कर रही हैं. इससे पहले रत्नेश ने जिस ब्लाइंड स्कूल से स्कूली पढ़ाई की, उसी स्कूल में चार साल पढ़ाया भी. उसके बाद राम कृष्ण कॉलेज ऑफ एजुकेशन बगोदर में बीएड के विद्यार्थियों को ट्रेनिंग दी. 2021 से बीएसएस महिला हाई स्कूल में पढ़ा रहे हैं.

पढ़ाने की रत्नेश के पास विशिष्ट कला

रत्नेश के असाधारण व्यक्तित्व की तरह उनकी पढ़ाने की शैली भी विशिष्ट है. छात्रा पूजा कुमारी ने बताया कि रत्नेश सर को देखकर उनके भीतर पढ़ाई को लेकर उत्साह और जागा है. रत्नेश सर का मार्गदर्शन भी कारगर होता है. विषय की जटिलता को सहज और सुगम बना देतें है कि छात्राओं को उनकी क्लास का इंतज़ार रहता है. पूजा कुमारी छात्र रत्नेश्वर से प्रेरणा लेकर कंप्यूटर साइंस से इंजीनियरिंग कर इंजीनियर बनना चाहती है.

कक्षा दसवीं की छात्र अनुष्का प्रिया ने बताया कि जब रत्नेश सर पढ़ाते हैं तो कभी महसूस नहीं होता कि वे नेत्रहीन हैं. बहुत अच्छे से पढ़ाते हैं और लिखवाते भी हैं टॉपिक के आधार पर हम लोग क्वेश्चन करते हैं और सर इस तरीके से हम लोग को समझते हैं ताकि उसको आसानी से हम लोग समझ सके. हिस्ट्री और सिविक्स पढ़ते है.

स्कूल की प्रभारी प्राचार्या अंजुला गुप्ता ने कहा कि शिक्षा के प्रति अपने समर्पण से रत्नेश छात्रों, शिक्षकों के साथ-साथ समाज के लिए प्रेरणास्रोत हैं. ऐसे शिक्षा के रत्न रत्नेश पर पूरी शिक्षक बिरादरी और स्कूल प्रबंधन को गर्व है.

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