दुर्गेश सिंह राजपूत/नर्मदापुरम: दीपावली के पहले मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए धनतेरस पर्व मनाया जाता है. वैदिक पंचांग के मुताबिक, यह त्योहार हर वर्ष कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाते हैं. इस साल 10 नवंबर शुक्रवार को धन्वंतरि जयंती यानी धनतेरस मनाया जाएगा. धनतेरस से दिवाली के पंच पर्व शुरू हो जाते हैं एवं भाई दूज पर खत्म होते हैं.
धनतेरस की पूजा का शुभ मुहूर्त
ज्योतिषाचार्य अविनाश मिश्रा के अनुसार, इस साल धनतेरस पूजा का शुभ मुहूर्त 10 नवंबर को शाम 5:47 बजे से शाम 7:43 बजे तक रहेगा. शास्त्रों और धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, धनतेरस पर 13 दीये जलाए जाते हैं. कुल मिलाकर पूजा के लिए आपको 2 घंटे का समय मिलेगा. धनतेरस की पूजा में देवी लक्ष्मी, गणेश, धन्वंतरि एवं भगवान कुबेर की पूजन की जाती है.
ये पूजन सामग्री जरूरी
पूजन से पहले सामग्री के बारे में जान लेते हैं. पूजा फूल, माला एवं आटे का हलवा, गुड़ के साथ धनिया के बीज या बूंदी के लड्डू अर्पित किए जाते हैं.
देख लें जरूरी लिस्ट
– 10 नवंबर को धनतेरस
– धनतेरस पूजन मुहूर्त: शाम 5:48 से रात्रि 7:44 बजे तक.
– धनतेरस पर प्रदोष काल: शाम 5:30 से रात्रि 8:08 बजे तक.
– धनतेरस पर वृषभ काल: शाम 5:48 से रात्रि 7:44 बजे तक.
– 11 नवंबर को नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली
– 12 नवंबर को दीपावली एवं लक्ष्मी पूजन
– 13 नवंबर को गोवर्धन पूजा
– 14 नवंबर को भाई दूज
धनतेरस पर करें खरीदी
ज्योतिषाचार्य के अनुसार, मान्यता है कि धनतेरस के दिन खरीदी गई चीजों में 13 गुना बढ़ोतरी होती है. इसके कारण से व्यक्ति इस दिन बर्तनों की खरीदारी के अलावा सोना-चांदी भी खरीदता है. इसके बाद भगवान धन्वंतरि की पूजन-अर्चन करने से जीवन में धन-धान की संपन्नता बनी रहती है. साथ ही इस दिन सोना चांदी या कोई बर्तन खरीदना शुभ माना जाता है.
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FIRST PUBLISHED : November 5, 2023, 16:33 IST