रामकुमार नायक/रायपुर : देश के सबसे खास और महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक दिपावली का पर्व धनतेरस से शुरू होता है और पांच दिन पर्यंत चलता है. धनतेरस को औषधि व आयुर्वेद के देवता भगवान धन्वंतरि की प्राकट्य दिवस के रूप में भी मनाया जाता है. इस दिन सोना, चांदी, बर्तन आदि कीमती वस्तुएं खरीदने की परंपरा है.
धनतेरस को माता लक्ष्मी, भगवान कुबेर और भगवान गणेश की पूजा को बहुत शुभ माना गया है. राजधानी रायपुर के ज्योतिषाचार्य पंडित मनोज शुक्ला ने अन्य देवी देवताओं की तरह मां लक्ष्मी की पूजा के लिए भी खास विधान बताया है. खासकर धनआगमन के लिए धनतेरस के के मौके पर इन बातों का काफी महत्व रहता है.
भगवान धन्वंतरि की पूजा कर किया जाता है दीपदान
ज्योतिषाचार्य पंडित मनोज शुक्ला ने बताया कि धनतेरस के दिन से पांच दिनों का महापर्व दीपावली की शुरुआत होती है. इसलिए धनतेरस के दिन आयुर्वेद के जनक धन्वंतरि भगवान की पूजा की जाती है फिर दीप दान किया जाता है. इसके बाद माता लक्ष्मी जी की पूजा विशेष कर करनी चाहिए. अमावस्या तिथि में माता लक्ष्मी जी की दीपावली का सबसे बड़ा पर्व बनाते हैं जो कि तीन दिन पहले ही प्रारंभ हो जाता है. इसलिए इस दिन से माता लक्ष्मी जी की विशेष रूप से पूजा की जाती है.
पूजन सामग्री और इन मंत्रों, स्तुति का करें पाठ
ज्योतिषाचार्य पंडित मनोज शुक्ला ने आगे बताया कि लक्ष्मी माता का पूजा करते समय सभी पूजन सामग्री होना बेहद जरूरी है. कमल का फूल, कमल गट्टे अर्पण किया जाता है. सोढसो उपचार पूजन यानी चंदन, फूल, धूप, दीप, नैवेद्य अर्पित करते हैं. साथ में गणेश जी की भी पूजा करना चाहिए. लक्ष्मी माता के पूजा के दौरान शास्त्रों के मंत्र, चालीसा और स्तुति का पाठ करना चाहिए. श्रीसूक्त, कनकधारा स्तोत्र का पाठ करना चाहिए इससे लक्ष्मी माता जल्दी प्रसन्न होती है.
.
Tags: Chhattisagrh news, Local18, Raipur news, Religion 18
FIRST PUBLISHED : November 8, 2023, 12:49 IST