Shukra Pradosh Vrat 2023: कार्तिक माह का प्रदोष व्रत बेहद खास माना जा रहा है. माह के पहले प्रदोष व्रत के दिन धनतेरस और शुक्रवार का संयोग बन रहा है. धनतेरस (Dhanteras) और शुक्रवार दोनों ही धन की देवी लक्ष्मी जी (Goddess Lakshmi) की पूजा के लिए खास महत्व रखते हैं. शुक्र प्रदोष व्रत सौभाग्य, सुख और समृद्धि प्रदान करने वाला माना जाता है. आइए जानते हैं कब है कार्तिक माह का प्रदोष व्रत, उस दिन कौनसा शुभ संयोग बन रहा है और पूजा किस तरह की जा सकती है.
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कब है कार्तिक माह में प्रदोष व्रत
हर माह की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है. कार्तिक माह का पहला प्रदोष व्रत 10 नवंबर, शुक्रवार को रखा जाएगा. इस दिन धनतेरस भी है. यही नहीं, इस बार कार्तिक माह में 2 शुक्र प्रदोष व्रत का योग बन रहा है. इससे व्रत करने वालों पर माता लक्ष्मी की विशेष कृपा रहेगी. कार्तिक माह का दूसरा प्रदोष व्रत 24 नवंबर, शुक्रवार को है.
10 नवंबर को प्रदोष व्रत पूजा का मुहूर्त
कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 10 नवंबर को दोपहर 12 बजकर 35 मिनट से शुरू होकर 11 नवंबर को दोपहर 1 बजकर 57 मिनट तक रहेगी. प्रदोष व्रत की पूजा (Pradosh Vrat Puja) शाम को होती है. पूजा का शुभ मूहूर्त 10 नवंबर को शाम 5 बजकर 30 मिनट से रात 8 बजकर 8 मिनट तक है.
24 नवंबर को प्रदोष व्रत पूजा का मुहूर्त
कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 24 नवंबर को शाम 7 बजकर 6 मिनट से शुरू होकर 25 नवंबर को 5 बजकर 22 मिनट तक है. पूजा का शुभ मूहूर्त 24 नवंबर को रात 7 बजकर 6 मिनट से रात 8 बजकर 6 मिनट तक है.
प्रदोष व्रत का महत्व
मान्यता है कि प्रदोष व्रत रखने से आर्थिक संकटों से मुक्ति मिलती है. प्रदोष काल IPradosh Kaal) में शिवलिंग का दूध और शहद से अभिषेक करना चाहिए. इस दिन आठ दिशाओं में आठ दीये जलाने से घर में धन की देवी लक्ष्मी का वास होता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)