ऋतु राज/मुजफ्फरपुर : ‘मैं जब 2 महीने की थी उस वक्त पापा कार सेवा करने के लिए अयोध्या चले गए थे. वहां हुई गोलीबारी की घटना में पापा शहीद हो गए. इसके बाद मम्मी ने संघर्षों को झेलते हुए हम दो बहनों को पढ़ाया-लिखाया और शादी भी की. मम्मी भी रामनवमी के दिन ही गुजर गई. आज अगर वह होती तो देखती कि पापा का सपना पूरा हो रहा है’.
यह कहना है मुजफ्फरपुर के कारसेवक संजय सिंह की छोटी बेटी कृति संजय की. संजय सिंह की दोनों बेटियों को राम मंदिर उद्घाटन समारोह में शामिल होने के लिए निमंत्रण दिया गया है. निमंत्रण मिलने के बाद कृति संजय भावुक होने के साथ-साथ खुश भी है. दोनों बहनें समारोह में शामिल होंगी.
बोलीं – बड़ी होने के बाद खोजती थी पापा को
कृति संजय बताती हैं कि वह जब कुछ बड़ी हुई तो अपने पापा को खोजती रहती थी. उन्हीं दिनों मम्मी ने उसे बताया कि पापा कार सेवा करने के लिए अयोध्या गए हुए थे. वहां कारसेवकों पर गोलीबारी की गई. इसमें उसके पापा शहीद हो गए. इसके बाद से मैं सोचती थी कि पता नहीं कब अयोध्या में हमारे आराध्य भगवान श्री राम का भव्य और दिव्य मंदिर बनेगा.
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आज जब अयोध्या में भव्य और दिव्य राम मंदिर का निर्माण हो गया है और प्रतिमा के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए हमलोगों को भी आमंत्रित किया गया है, तो यह बड़े ही भावुक होने वाला क्षण है. पापा आज जहां भी होंगे, वहां से देख रहे होंगे कि उन जैसे लोगों वर्षों पूर्व जो सपना देखा था वह आज पूरा हो रहा है.
मां कहती थी सपना होगा पूरा
कार सेवक संजय सिंह जिले के साइन गांव के रहने वाले थे. कृति संजय बताती हैं कि मां अक्सर कहती थी कि पापा का सपना जरूर पूरा होगा. आज मां नहीं हैं. अगर मां होती तो उन्हें ज्यादा खुशी होती. उन्होंने इस आंदोलन में ना सिर्फ अपना पति खोया था, बल्कि उनके नहीं रहने पर हम दो बहनों की परवरिश की जिम्मेदारी भी उठाई. उन्होंने बताया कि हमदोनों बहन इस समारोह में शामिल होने के लिए 20 तारीख को ही अयोध्या के लिए रवाना हो जाएंगे. मालूम हो कि उन्हें राम मंदिर आंदोलन से जुड़े कामेश्वर चौपाल ने निमंत्रण कार्ड दिया.
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FIRST PUBLISHED : January 10, 2024, 19:32 IST