सत्यम कुमार/भागलपुर. मकर संक्रांति हो और थाली में कतरनी चूड़ा की सोंधी खुशबू ना हो तो खाने का मजा किरकिरा हो जाता है. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि भागलपुर की कतरनी देश से लेकर विदेश तक में अपनी खुशबू से अपनी पहचान बिखेर रही है. खुशबू ऐसी की सूंघते ही खाने का मन बना लेते हैं. दरअसल, भागलपुर जिले के जगदीशपुर इलाके में बड़े पैमाने पर कतरनी धान की खेती होती है. वहीं पर इसका चूड़ा तैयार किया जाता है. इसको जीआई टैग मिलने के बाद यह अपनी सुगंध और स्वाद विदेश में भी बिखर रहा है. इस बार 20 क्विंटल कतरनी चूड़ा अमेरिका भेजा गया है.
इस साल भी 20 क्विंटल से अधिक चूड़ा अमेरिका भेजा गया है. यह चूड़ा आभा रतनपुर के किसान मनीष कुमार के यहां से भेजा गया है. मनीष से जब बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि दरअसल, हम लोग पहले यहां पर कतरनी चूड़े की खेती नहीं करते थे, लेकिन जब से जीआई टैग मिला है, तब से खेती शुरू की है और अच्छा खासा इसमें मुनाफा भी हो रहा है.
कीमत में हुई बढ़ोतरी
आपको बता दें कि भागलपुर स्टेशन से वैरायटी चौक जाने वाले रास्ते में कचौड़ी गली पड़ती है. यहां पर चूड़े का एक बड़ा बाजार लगता है. यहां पर सोनम से लेकर कतरनी, मालभोग तक मिल जाता है. दरअसल, इस वर्ष कतरनी चूड़ा पिछले साल के मुकाबले महंगा जरूर हुआ है. आपको बता दें कि जो चूड़ा ₹60 किलो मिलता था, उसकी कीमत इस बार ₹80 पहुंच गई है. वही, जो ₹100 किलो में मिलता था, उसकी कीमत ₹120 किलो तक पहुंच गई है.
कतरनी में है कई क्वालिटी
जब इसको लेकर दुकानदार चंदन कुमार से बात की गई तो उन्होंने बताया कि दरअसल, कतरनी में कई क्वालिटी होती है. दुकानदार ने बताया कि अगर रासायनिक खाद वाला चूड़ा लेनी है तो 80 रुपए किलो में मिल जाएगा. वहीं, अगर बेहतर क्वालिटी जैविक खाद वाला चूड़ा लेना है, तो वह ₹120 किलो तक मिलेगा. आप अजंता टॉकीज के समीप से आदर्श गली होते हुए भी कचौड़ी गली तक पहुंच सकते हैं. कतरनी चूड़ा का स्वाद मन मोह लेता है.
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FIRST PUBLISHED : January 13, 2024, 23:21 IST