गुवाहाटी:
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोपों पर सोमवार को राज्य में एक और मदरसे को ढहाने पर अपनी प्रतिक्रिया दी. इस दौरान सरमा ने जोर देकर कहा कि ‘संस्थागत जांच की जाती है और जब भी कट्टरवाद की शिकायत आती है तो उचित कार्रवाई की जाती है. उन्होंने कहा, “यह दूसरा मदरसा है, जिसे हमने ढहाया है. क्योंकि वे एक संस्था के रूप में नहीं चल रहे थे. बल्कि एक आतंकवादी केंद्र के रूप में चल रहे थे. मैं सामान्यीकरण नहीं करना चाहता, लेकिन जब कट्टरवाद की शिकायत आती है तो हम जांच करते हैं और उचित कार्रवाई करते हैं.
वहीं, अतिरिक्त उपायुक्त लचित कुमार दास ने कहा कि असम के बरपेटा जिले में मदरसा ‘राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के केंद्र के रूप में जिहादी कार्यवाहियों में शामिल था. दास ने कहा कि हम तुरंत मौके पर पहुंचे, संपत्ति का सत्यापन किया और उसे सरकारी जमीन पर पाया. उन्होंने कहा कि इसका कोई मालिक भी सामने नहीं आया. इसलिए हमने इसे तुरंत ध्वस्त करने का फैसला किया.
गौरतलब है कि मदरसा ढहाने की ये घटना बारपेटा जिले में एक्यूआईएस / एबीटी से जुड़े 2 व्यक्तियों की गिरफ्तारी के बाद आया है. एसपी बारपेटा ने बताया कि मदरसे को ढहाने का अभियान चलाया गया था, क्योंकि यह ‘अवैध रूप से सरकारी जमीन पर बनाया गया था और दो गिरफ्तार आरोपियों के साथ भी इसका संबंध है. आपको बता दें कि पिछले हफ्ते, हाफिजुर रहमान मुफ्ती नाम के व्यक्ति को कथित तौर पर एक्यूआईएस/एबीटी से संबंध रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, जो उक्त मदरसे में शिक्षक के रूप में काम करता था.
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यह असम का पहला मदरसा नहीं है, जिसे आतंकी संगठनों से संबंध होने के आरोप में ढहा दिया गया है. इस महीने की शुरुआत में मोरीगांव में भी एक मदरसे को तोड़ा गया था, जिसे मुस्तफा उर्फ मुफ्ती मुस्तफा चलाते थे. मुस्तफा को सुरक्षा एजेंसियों ने बांग्लादेश स्थित आतंकवादी समूह, अंसारुल्लाह बांग्ला टीम के साथ कथित संबंधों के लिए गिरफ्तार किया था.