देश में CAA लागू होते ही यूपी-बिहार बॉर्डर पर हाई अलर्ट, इन जिलों पर विशेष नजर की हिदायत

Gopalganj:

Bihar Politics News: केंद्र की मोदी सरकार ने सोमवार (11 मार्च) को नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) की अधिसूचना जारी कर दी, जिसके बाद से ही देश में राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गई है. उधर, देश में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) लागू होने के बाद से जिले में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है. सोमवार को केंद्र सरकार की अधिसूचना जारी होते ही पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर गोपालगंज पुलिस अलर्ट मोड में आ गयी. बता दें कि पुलिस अधीक्षक स्वर्ण प्रभात ने जिले भर के थानेदारों को अलर्ट कर दिया है और संवेदनशील इलाकों में निगरानी रखने का निर्देश दिया है. खासकर यूपी-बिहार की सीमा पर फ्लैग मार्च कर चौकसी बढ़ा दी गयी है.

वहीं आपको बता दें कि पुलिस अधिकारियों ने अर्धसैनिक बलों के साथ मिश्रित आबादी वाले संवेदनशील इलाकों में फ्लैग मार्च किया है और आम लोगों से शांति से रहने की अपील की है. खासकर यूपी-बिहार के सीमावर्ती इलाकों में पुलिस ने निगरानी बढ़ा दी है. वहीं, यूपी से आने वाले वाहनों की सख्ती से जांच की जा रही है और पैदल आने-जाने वाले लोगों की भी पुलिस द्वारा तलाशी ली जा रही है, जिसमें गोपालगंज के भोरे, कुचायकोट, कटेया, विजयीपुर, गोपालपुर, विशंभरपुर, श्रीपुर और फुलवरिया थाने की पुलिस ने यूपी से आने वाले वाहनों की जांच शुरू कर दी है.

सोशल मीडिया पर है नजर

इसके साथ ही आपको बता दें कि इसको लेकर एसपी ने कहा है कि, ”सोशल मीडिया पर भी कड़ी नजर रखी जा रही है. यहां पुलिस अफसरों ने हिदायत दी कि कोई अफवाह फैलाएगा या माहौल बिगाड़ने का प्रयास करेगा तो पुलिस उसके साथ सख्ती से पेश आने में देरी नहीं करेगी.” बता दें कि 2019 के अंत और 2020 की शुरुआत में शहर के अलग-अलग इलाकों में CAA-NRC के खिलाफ जबरदस्त विरोध प्रदर्शन हुआ था.

DIU को भी किया गया अलर्ट

वहीं आपको बताते चले कि गोपालगंज पुलिस की डीआईयू (जिला खुफिया इकाई) को भी अलर्ट कर दिया गया है. डीएम मकसूद आलम ने भी सभी प्रखंडों के अधिकारियों को कड़ी नजर रखने का निर्देश दिया है, जबकि पुलिस स्तर पर भी अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है. एसपी ने स्थानीय खुफिया इकाई को लगातार माहौल की परीक्षण करने को कहा है. वहीं सभी टीओपी प्रभारियों, थाना अध्यक्षों, सीआई और एसडीपीओ को अपने क्षेत्र की हर छोटी-बड़ी घटना पर मौके पर पहुंचने को कहा गया है. साथ ही संभ्रांत लोगों के लगातार संपर्क में रहने और उनके माध्यम से शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने को कहा गया है. .

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