देश को प्रचंड बहुमत के साथ एक पार्टी के शासन की नहीं, गठबंधन सरकार की जरूरत: उद्धव ठाकरे

 शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने गठबंधन सरकार की हिमायत करते हुए मंगलवार को कहा कि देश को एक मजबूत सरकार की जरूरत है, लेकिन ‘‘प्रचंड बहुमत के साथ एक पार्टी की नहीं’’।

मध्य मुंबई के शिवाजी पार्क में अपनी पार्टी की वार्षिक दशहरा रैली में ठाकरे ने कहा कि जब (शासक की) ‘कुर्सी’ अस्थिर होती है, तो देश मजबूत हो जाता है।
विपक्षी दलों के ‘इंडिया’ गठबंधन में शामिल ठाकरे ने ‘मिली-जुली सरकार’की वकालत की, जो सबको साथ लेकर चले और मनमोहन सिंह, पी वी नरसिंह राव तथा अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकारों का जिक्र किया।

उद्धव ने याद करते हुए कहा कि एक समय था जब शिवसेना के संस्थापक और उनके पिता दिवंगत बाल ठाकरे ने कहा था कि देश को एक मजबूत सरकार की जरूरत है।
उद्धव ने कहा, ‘‘हमने नौ साल तक एक मजबूत सरकार देखी है। क्या लोगों की समस्याएं हल हो गईं?’’

उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘हमने एक मजबूत सरकार देखी। मजबूत सरकार होनी चाहिए, लेकिन प्रचंड बहुमत के साथ किसी एक पार्टी की नहीं।’’पूर्व मुख्यमंत्री ने दावा किया कि भाजपा या (इसके पूर्ववर्ती) जनसंघ ने देश की आजादी, मराठवाड़ा मुक्ति संग्राम या संयुक्त महाराष्ट्र आंदोलन सहित किसी भी संघर्ष में कोई भूमिका नहीं निभाई।


उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना की आलोचना करते हुए कहा कि शिवसेना को ‘‘चुराने’’ का प्रयास किया जा रहा है। अपने प्रतिद्वंद्वियों को चेतावनी देते हुए ठाकरे ने कहा, ‘‘सत्ता में आने के बाद, हम उन लोगों को उल्टा लटका देंगे, जो हमें परेशान कर रहे हैं।’’

भाजपा पर हमला बोलते हुए ठाकरे ने कहा कि उनकी पार्टी का हिंदुत्व राष्ट्रवाद है। पिछले महीने जालना में मराठा प्रदर्शनकारियों पर हुए लाठीचार्ज को लेकर एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार की आलोचना करते हुए ठाकरे ने कहा कि जब वह मुख्यमंत्री थे तब भी मराठा आरक्षण के लिए आंदोलन कर रहे थे, लेकिन उन्होंने कभी ऐसा आदेश नहीं दिया।

ठाकरे ने पूछा कि ‘‘जनरल डायर’’ कौन था जिसने जालना में लाठीचार्ज का आदेश दिया।
ठाकरे ने कहा, मराठा, धांगर और अन्य समुदायों के लिए आरक्षण का मुद्दा केवल केंद्र और संसद द्वारा हल किया जा सकता है।

शिवसेना के बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने में ‘‘देरी’’ को लेकर महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर की आलोचना करते हुए, ठाकरे ने कहा कि देश सिर्फ यह नहीं देख रहा है कि मामला कैसे आकार ले रहा है।

उन्होंने कहा कि अगर विधानसभा अध्यक्ष ने उच्चतम न्यायालय के निर्देश (अयोग्यता याचिकाओं पर शीघ्र सुनवाई करने) पर ध्यान नहीं दिया, तो लोग देख रहे होंगे कि देश में शीर्ष अदालत मौजूद है या नहीं।
वंशवादी राजनीति पर भाजपा के हमले पर ठाकरे ने कहा कि उन्हें अपने परिवार पर गर्व है।

उन्होंने कहा…एक डॉक्टर का बेटा डॉक्टर बनता है। हम अपने परिवार की विरासत को संरक्षित कर रहे हैं…भारत के प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ भी अपने परिवार की विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं।’’

ठाकरे ने कहा, ‘‘वह (चंद्रचूड़) अपनी योग्यता के कारण इस पद पर पहुंचे। उनके पिता (वाई वी चंद्रचूड़) भी देश के प्रधान न्यायाधीश थे और वह बहुत सख्त थे।’’
ठाकरे ने एडॉल्फ हिटलर, बेनिटो मुसोलिनी, सद्दाम हुसैन, व्लादिमीर पुतिन और मुअम्मर गद्दाफी का उदाहरण देते हुए कहा कि दूसरी ओर, कुछ नेता ऐसे भी हुए जो अज्ञात परिवारों से आए और सत्ता के शीर्ष तक पहुंचे।

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