देश का एकमात्र शहर, जो न जिला है न तहसील, फिर भी यहां है जिला न्यायालय

दीपक पाण्डेय/खरगोन. क्या आपके कभी देखा-सुना है कि किसी जिले का जिला न्यायालय दूसरे शहर में हो? जी हां, मध्य प्रदेश के खरगोन जिले में कुछ ऐसा ही है. यहां का मंडलेश्वर देश का एकमात्र ऐसा शहर होगा जो न तो जिला है और न ही तहसील है, बावजूद इसके यहां जिला न्यायालय है. यहीं पर जिला एवं प्रधान सत्र न्यायाधीश बैठकर जिले भर के तमाम फैसले सुनाते हैं.

कहने को तो खरगोन जिला मुख्यालय है, यहां सभी सुविधाएं मौजूद हैं, सिवाय जिला न्यायालय के. वजह साफ है, एक जिले में एक ही जिला न्यायालय हो सकता है और वर्तमान में वह जिला न्यायालय जिले के ही मंडलेश्वर शहर में है. हालांकि कहने को तो मंडलेश्वर तहसील मुख्यालय भी नही है, लेकिन मंडलेश्वर का इतिहास काफी पुराना और रोचक होने की वजह से ही यहां जिला न्यायालय बनाया गया है.

अंग्रेजों ने जमाया था कब्जा
जिला न्यायालय मंडलेश्वर के जिला अभिभाषक संघ के एडवोकेट कार्तिक जोशी बताते हैं कि मंडलेश्वर का इतिहास काफी पुराना है. यह शहर माहिष्मती नगरी का एक हिस्सा था. सन 1819 में महिदपुर की लड़ाई में होल्कर सेना को परास्त कर अंग्रेजों ने मंडलेश्वर और आसपास के क्षेत्र पर कब्जा जमा लिया था. 1864 तक यहां अंग्रेजों का कब्जा रहा बाद में पुनः होलकारों को सौंप दिया गया.

होल्कर स्टेट में मंडलेश्वर था जिला
1868 से 1907 तक मंडलेश्वर होलकर राज्य का जिला मुख्यालय रहा है. 1873 में यहां जिला न्यायालय की स्थापना हुई. इसी वर्ष राज्य का ज्यूडिशियल सिस्टम ब्रिटिश साम्राज्य द्वारा आवंटित किया गया. जिसके संबंध में इंदौर स्टेट के गजेटियर 1873 के पेज नंबर 231, 1931 के पेज नंबर 272, 530, 631 पर उल्लेखित है. महारानी अहिल्या बाई होलकर द्वारा भी मंडलेश्वर में ही न्यायालय का संचालन किया गया था.

1977 में बना नया भवन
कार्तिक जोशी बताते हैं कि पहले जिला न्यायालय ब्रिटिश शासन के घुड़साल (वर्तमान में एसडीएम ऑफिस) में लगता था. आजादी के बाद और मध्य प्रदेश का गठन होने के बाद में खरगोन को जिला बनाया गया. लेकिन, जिला न्यायालय यही रहा. खरगोन, बड़वाह, महेश्वर, भीकनगांव, सनावद, कसरावद में सिविल न्यायालय स्थापित किए गए. 1972 में जिला न्यायालय के नवीन भवन की स्वीकृति के साथ ही शिलान्यास हुआ. 23 अप्रैल 1977 में भवन बनकर तैयार हुआ. जिसका उद्घाटन तत्कालीन न्यायाधिपति शिवदयाल श्रीवास्तव द्वारा किया गया. जिला न्यायालय के अलावा यहां जिला उपभोक्ता, ए डी आर सेंटर, परिवार न्यायालय भवन भी स्थापित है.

Tags: Local18, Mp news, Unique news

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *