हाइलाइट्स
कोलार डेम के पास झिरी क्षेत्र और औबेदुल्लागंज की तरफ से देलावाड़ी की तरफ से तरफ से सफारी की व्यवस्था है.
सफारी के लिए दो शिफ्ट तय हैं, पहली शिफ्ट सुबह 6 बजे, दूसरी 2 बजे की है.
भोपाल. जंगल में बाघों को देखना काफी रोमांचकारी होता है. इसके लिए आप लंबी दूरी तय कर टाइगर रिजर्व पहुंचते हैं. लेकिन भोपाल देश का एकमात्र शहर है जहां आसपास ही 63 बाघों का बसेरा है. इन बाघों को देखने के लिए अब आप भी भोपाल से महज 25-30 किमी की दूरी पर रातापानी अभ्यारण में सफारी कर सकेंगे.
मध्यप्रदेश वन विभाग के मुताबिक रातापानी में सफारी रूट शुरू कर दिया गया है. रातापानी टाइगर सफारी में पर्यटक नदी, पहाड़ और घाटी का आनंद लेने के साथ बाघ, तेंदुए सहित अन्य वन्य प्राणियों को देख सकेंगे. यह पूरा ट्रैक 42 किलोमीटर का है. इसके लिए कोलार डेम के पास झिरी क्षेत्र और औबेदुल्लागंज की तरफ से देलावाड़ी की तरफ से तरफ से सफारी की व्यवस्था है. देलावाड़ी गेट से दो सफारियों की व्यवस्था है और झिरी गेट की तरफ से 5 गाडिय़ों की व्यवस्था है. सफारी के लिए पांच से सात घंटे का समय रखा गया है.
6 लोगों के लिए 4200 रुपए है सफारी का चार्ज
वन विभाग के अफसरों ने बताया कि सफारी के बुकिंग की व्यवस्था ऑनलाइन की गई है. सफारी का चार्ज 4200 रुपए है. इसमें गाड़ी का चार्ज तीन हजार, गाइड 480 और गेट इंट्री फीस 750 रुपए है. एक सफारी में सिर्फ 6 लोगों को ही एंट्री दी जाती है. सफारी के लिए दो शिफ्ट तय हैं, पहली शिफ्ट सुबह 6 बजे, दूसरी 2 बजे की है.

भोपाल के केरवा डेम इलाके में रातपानी जंगल से जुड़ा हुआ है. इस वजह से यहां पर बाघ का मूवमेंट रहता है. वन विभाग ने जगह-जगह बाघ भ्रमण क्षेत्र के बोर्ड भी लगाए हैं. यही से बाघ भोपाल के मैनिट, वाल्मी जैसे संस्थानों और इससे सटी कॉलोनियों में पहुंच जाते हैं.

रातापानी के साथ अन्य पर्यटन स्थल भी
टाइगर सफारी के साथ ही भोपाल के पास ढाई हजार साल पुराने सांची के स्तूप, यूनेस्को धरोहर भीमबैटका, एक हजार साल पुराना भोजपुर मंदिर आदि को देख सकते हैं. भोपाल के बड़े तालाब, बिड़ला मंदिर, जनजातीय संग्रहालय, ताजुल मसाजिद आदि भी घूम सकते हैं. साथ ही, रातपानी के आसपास भी कई नेचुरल साइट्स हैं.
ताज, हयात जैसी होटल चेन के साथ किफायती रूम्स उपलब्ध
देश के सभी बड़े शहरों से भोपाल की सीधी एयरकनेक्टिविटी और रेल संपर्क हैं. यहां पर होटल ताज, हयात मैरियट व रेडिसन जैसी बड़ी होटल चेन हैं तो नूर उस सबाह और जहांनुमा जैस स्थानीय टेस्ट व नबाबी दौर के कल्चर वाली होटल्स भी हैं. साथ ही, एक हजार से दो हजार रुपए प्रतिदिन के किराए वाली इकानॉमिक होटल्स भी. नवंबर से मार्च यानी सर्दियों का मौसम भोपाल के घूमने के लिए मुफीद माना जाता है.
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FIRST PUBLISHED : December 13, 2023, 13:22 IST