देशभर में हाईकोर्ट जजों की नियुक्ति मामले में केंद्र ने 70 नामों को SC कॉलेजियम भेजा

देशभर में हाईकोर्ट जजों की नियुक्ति मामले में केंद्र ने 70 नामों को SC कॉलेजियम भेजा

हाईकोर्ट के जजों की नियुक्ति मामले पर सुप्रीम कोर्ट….

देशभर के हाईकोर्ट में जजों की नियुक्ति का मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की सख्ती से झुकी केंद्र सरकार.  हाईकोर्ट जजों के लिए  70 नामों को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम भेजा. केंद्र मणिपुर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की कुछ समय में नियुक्ति को तैयार है.  सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को फिर चेताया कि  हमें असमंजस में नहीं रहना चाहिए.  यदि नाम सुझाए गए हैं, तो या तो नियुक्ति करें  या आप उन्हें अपनी चिंताओं के साथ वापस भेजें.  जो नाम दोहराए गए हैं वो या तो नियुक्ति हो या फिर कॉलेजियम को बताया जाए.  सुप्रीम कोर्ट अब इस मामले में 20 अक्तूबर को सुनवाई करेगा.

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सोमवार को केंद्र की ओर से AG आर वेंकटरमणी  ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि केंद्र ने हाईकोर्ट कॉलेजियम द्वारा भेजे गए 70 नामों को क्लीयर कर सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम  को भेजा है.  मणिपुर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस की नियुक्ति के लिए कार्रवाई हो रही है.  जल्द ही नियुक्ति कर दी जाएगी.  वहीं हाईकोर्ट के 26 जजों के ट्रांसफर की सिफारिश में से 14 जजों का ट्रांसफर कर दिया गया है.

इस पर जस्टिस संजय किशन कौल ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से ये पॉजेटिव कदम है,  लेकिन अभी और काम बाकी है.  पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र पर सख्ती दिखाई थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम इस मामले में हर दस दिन में निगरानी करेंगे. दस महीने में 70 नामों की सिफारिश की गई, लेकिन ये सारी नियुक्तियां केंद्र के पास लंबित हैं. 26 जजों के तबादले लंबित हैं जबकि संवेदनशील हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस की नियुक्ति लंबित है.  7 नाम लंबित हैं, जिन्हें दोहराया गया है. हम बहुत कुछ कहना चाहते हैं, लेकिन खुद को रोक रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से जवाब मांगा है. सुनवाई के दौरान केंद्र की ओर से अटॉर्नी जनरल आर वेकेंटरमणी ने सुप्रीम कोर्ट से एक हफ्ते का समय मांगा था.  जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस सुधांशु धुलिया ने AG को केंद्र से निर्देश लेकर आने कहा था. दरअसल, सुप्रीम कोर्ट उच्च न्यायपालिका में जजों की नियुक्तियों में केंद्र द्वारा देरी के खिलाफ याचिका पर सुनवाई कर रहा है. 

 इस दौरान जस्टिस कौल ने कहा कि यहां हूं तब तक मैं हर 10/12 दिन में यह मामला उठाऊंगा.  मैंने एक बार इस मुद्दे को उठाया था.  हम सर्वोत्तम प्रतिभा उपलब्ध कराने का प्रयास करते हैं. ऐसे में केंद्र की ओर से देरी नहीं होनी चाहिए . 

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