देवरा का राहुल गांधी पर परोक्ष हमला, कहा-कांग्रेस उद्योगपतियों को गाली देती है, उन्हें राष्ट्र-विरोधी कहती है

पूर्व केंद्रीय मंत्री मिलिंद देवरा ने रविवार को शिवसेना में शामिल होने के बाद कांग्रेस नेतृत्व पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी अब वैसी नहीं है, जैसी पहले हुआ करती थी, जब मनमोहन सिंह ने आर्थिक सुधार शुरू किए थे। उन्होंने कहा कि अब पार्टी उद्योगपतियों, कारोबारियों को गाली देती है और उन्हें राष्ट्र-विरोधी कहती है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के आधिकारिक आवास ‘वर्षा’ में एक सभा को संबोधित करते हुए देवरा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के पास देश के विकास के लिए एक दृष्टिकोण है। उन्होंने शिंदे को ऐसा मुख्यमंत्री बताया, जिनतक पहुंच बहुत आसान है।
उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस छोड़ने का निर्णय लेना आसान नहीं था, जिसके साथ देवरा परिवार 55 वर्षों से जुड़ा रहा।

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को अच्छे लोगों की आवश्यकता है। यह शिंदे और लोकसभा सदस्य श्रीकांत शिंदे की राय है कि मैं उनके दृष्टिकोण का प्रतिनिधित्व कर सकता हूं और मुझ पर भरोसा करने के लिए मैं उनका आभारी हूं।’’
देवरा ने शिंदे की ओर इशारा करते हुए कहा, ‘‘मैं एक बात बताना चाहता हूं, जब कांग्रेस कठिन दौर से गुजर रही थी, तब मैं उसके प्रति वफादार था। मैं 2004 में कांग्रेस में शामिल हुआ। अगर कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) ने रचनात्मक सुझावों और योग्यता पर ध्यान केंद्रित किया होता, तो हम यहां नहीं बैठे नहीं होते।’’ शिंदे ने उद्धव ठाकरे के खिलाफ जून 2022 में बगावत कर दी थी, जिससे शिवसेना विभाजित हो गई।
पूर्व केंद्रीय मंत्री देवरा ने कहा, ‘‘30 साल पहले जब मनमोहन सिंह वित्त मंत्री थे, तब कांग्रेस पार्टी ने आर्थिक सुधारों की शुरुआत की थी, लेकिन अब वह उद्योगपतियों और व्यापारियों को गाली दे रही है और उन्हें राष्ट्र-विरोधी कह रही है।’’

हालांकि, देवरा ने कांग्रेस के किसी नेता का नाम नहीं लिया, लेकिन जाहिर तौर पर उनका इशारा राहुल गांधी की ओर था, जो अक्सर अडाणी समूह की आलोचना करते हैं।
देवरा ने कहा कि वह ‘गेन’ की राजनीति में विश्वास करते हैं, जो विकास, आकांक्षा, समावेशिता और राष्ट्रवाद के लिए है, न कि ‘पेन’ (दुख-दर्द) की, जिसे उन्होंने व्यक्तिगत हमलों, अन्याय और नकारात्मकता के रूप में वर्णित किया।
देवरा का शिवसेना में स्वागत करते हुए शिंदे ने कहा कि डेढ़ साल पहले निर्णय लेने से पहले उनके भीतर भी इसी तरह के विचारों का मंथन चल रहा था जैसा कि देवरा ने रविवार को व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘किसी फैसले के हमेशा कुछ अच्छे या बुरे परिणाम होते हैं। हम सभी मिलकर काम करेंगे और लोगों की मदद करेंगे। हमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथों को मजबूत करने की जरूरत है।

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