सोनिया मिश्रा/ चमोली.धीरे-धीरे ही सही अब पहाड़ की महिलाएं आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ा रही हैं और प्रकृति भी उन्हें खूब सहयोग कर रही ही है. उत्तराखंड के चमोली में उच्च हिमालयी क्षेत्रों में उगने वाले दुर्लभ भोजपत्र की छाल महिलाओं की आर्थिकी का मजबूत जरिया बनने लगा है. इसे लेकर जिला प्रशासन द्वारा महिला समूहों को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान, उत्साहवर्धन के बाद जिला प्रशासन चमोली विकासखंड जोशीमठ में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अतंर्गत एसएचजी महिलाओं को भोजपत्र पर कैलीग्राफी व स्ट्रिंग आर्ट एडवांस वर्जन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. जिला प्रशासन के सहयोग से मास्टर ट्रेनर सुरभि रावत द्वारा समूह की महिलाओं को भोजपत्र कैलीग्राफी की बारीकियों के साथ स्केलिंग एवं नवीन तकनीक के बारे में जानकारी दी जा रही है.
प्रधानमंत्री के मन की बात कार्यक्रम से मिला प्रोत्साहन
जब पिछले साल प्रधानमंत्री मोदी बद्रीनाथ आए थे, तो उस दौरान नीती-माणा के एसएचजी की महिलाओं ने उन्हें भोजपत्र पर लिखा अभिनंदन पत्र भेंट किया था. जिसके बाद पीएम मोदी ने भोजपत्र के सोविनियर बनाने को लेकर मन की बात कार्यक्रम में भी महिलाओं की इस पहल की खूब सराहना की. इससे प्रभावित होकर समूह की महिलाएं भोजपत्र प्रशिक्षण में बढ़ चढ़कर कर प्रतिभाग कर रही हैं. इसके अलावा जिला प्रशासन की ओर से इससे पहले भी विकासखंड जोशीमठ में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के सहयोग से दो चरणों में समूह की 30 महिलाओं को दुर्लभ भोजपत्र पर कैलीग्राफी से आकर्षक सोविनियर बनाने का प्रशिक्षण दिया गया था, जिसे चारधाम यात्रा के दौरान महिलाओं ने विकास विभाग के आउटलेट और एनआरएलएम के माध्यम से भोजपत्र से तैयार किए गए आकर्षक सोविनियर, बद्रीनाथ की आरती, माला, राखी, सुन्दर स्मृति चिन्ह एवं कलाकृतियों का विपणन कर दो लाखरुपयेसे ज्यादा की आमदनी की.
प्रशासन समय-समय पर करवाता है ट्रेनिंग
दुलर्भ भोजपत्र के पौराणिक महत्व एवं इससे बने आकर्षक सोविनियर की मांग को देखते हुए चमोली के जिलाधिकारी हिमांशु खुराना की पहल पर महिलाओं समूहों की आर्थिकी मजबूत बनाने की योजना तैयार की गई. परियोजना निदेशक आनंद सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत महिलाओं समूहों को उनकी आजीविका संवर्धन व कौशल विकास के लिए जोशीमठ में आठ दिवसीय भोजपत्र पर कैलीग्राफी व स्ट्रिंग आर्ट एडवांस प्रशिक्षण दिया जा रहा है. मास्टर ट्रेनर सुरभी रावत द्वारा समूह की 21 महिलाओं को कैलीग्राफी की बारीकियों के साथ स्केलिंग व नवीन तकनीक के उपयोग की जानकारी दी जा रही है, जो आने वाले समय में महिलाओं के लिए स्वरोजगार का एक सशक्त जरिया बनेगा.
कैलीग्राफी क्या है?
सुन्दर शब्दों को लिखने की कला को कैलीग्राफी कहा जाता है. कैलीग्राफी को हिन्दी में अक्षरांकन कहते हैं. कैलीग्राफी एक विजुअल आर्ट है. कैलीग्राफी लिखने वाले प्रोफेशनल आर्टिस्ट को कैलीग्राफी कहते हैं. कैलीग्राफी कई तरह के फॉन्ट, स्टाइल, मॉडर्न और क्लासिक तरीकों का प्रयोग करते हुए बेहतरीन सुलेख लिखते हैं. एक कैलीग्राफी सुंदर अक्षरों को लिखने के लिए खास तरह के पेन, निब, पेंसिल, टूल, ब्रश आदि का इस्तेमाल करते हैं.
क्या होती है स्ट्रिंगआर्ट?
लकड़ी के टुकड़ों पर कील और धागे के उपयोग सजावटी सामग्री बनाने की कला को स्ट्रिंग आर्ट कहते हैं. इस कला से देश और दुनिया में बड़े पैमाने पर लोग बेहतर आय अर्जित कर रहे हैं.
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FIRST PUBLISHED : December 21, 2023, 16:50 IST