देवघर में बहती है ‘उत्तर वाहिनी गंगा’, इसके जल में औषधीय गुण! जानें मान्यता

 परमजीत कुमार/देवघर.देवघर जिसे देवों की नगरी कहा जाता है. यहां के कण-कण में बाबा भोलेनाथ वास करते हैं. 12 ज्योतिर्लिंग में से एक यहां पर बाबा बैद्यनाथधाम विराजमान है. इसके साथ ही देवघर में और भी कई जगह है, जहां पर बाबा बैद्यनाथ और रावण का उल्लेख मिलता है. उन्हें में से एक है त्रिकूट पर्वत. माना जाता है कि त्रिकूट पर्वत पर रावण का पुष्पक विमान उतरता था. यह त्रिकूट पर्वत जिला मुख्यालय से 17 किलोमीटर की दूरी पर है. त्रिकूट पर्वत पर जड़ी बूटीयों का भंडार है. इस त्रिकूट पर्वत से एक झरना निकलता है जिसके पानी में काफी औषधीय गुण भी पाए जाते हैं.

त्रिकूट पर्वत की तराई पर बसें बंसडीहा गांव के कारू पंडा ने लोकल 18 से कहा कि इस झरने का नाम गुप्त उत्तर वाहिनी गंगा रखा गया है. इस झरना से पानी  सैकड़ो वर्षों से बह रहा है. यहां जल स्रोत कहां से आता है अभी तक किसी को भी पता नहीं लग सका है. यह झरना कभी भी नहीं सूखता है. इस झरने का पानी पीने से पेट और त्वचा संबंधित कई समस्या जैसे चर्म रोग, गैस,जॉन्डिस,पाचन समाप्त हो जाती है. यहां का पानी लेने दूसरे राज्य से भी लोग आते है. इस झरने का पानी महीनों तक खराब नहीं होता है.

गंगा जल के रूप मे होता है इस्तेमाल 
त्रिकूट पर्वत पर पर्यटक के रूप में घूमने आए भूषण देव का मानना है कि इस पानी को हम लोग घर लें जाते है. इसके पीते ही पेट से संबंधित समस्या समाप्त हो जाती है . इसके साथ ही पहाड़ के तराई पर बसें लोग भी हर पर्व त्यौहार मे इसी पानी को गंगा जल के रूप मे इस्तेमाल करते हैं.

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