देख नहीं सकते पर दिवाली पर कई घरों को करेंगे रोशन, हैरान कर देगा हुनर

शिखा श्रेया/रांची. दिवाली अब आने ही वाली है. ऐसे में झारखंड की राजधानी रांची के बहु बाजार स्थित संत माइकल ब्लाइंड स्कूल के बच्चे भी अपनी कला को दिखाने में पीछे नहीं है. ये आकर्षक दीये का निर्माण कर रहे हैं. उनके हुनर को देखकर यह कहना मुश्किल होगा कि डिजाइनर दीये नेत्रहीन बच्चों ने तैयार किए हैं.

स्कूल की प्राचार्य सरिता सलोमी ने बताया कि स्कूल में 120 नेत्रहीन बच्चे पढ़ते हैं. यहां पांचवीं से लेकर दसवीं तक की पढ़ाई होती है. पढ़ने के साथ-साथ हम बच्चों में कला के प्रति भी रुचि जगाते हैं और उनसे खूबसूरत पेंटिंग भी करवाते हैं. खासकर दिवाली में बच्चे खूबसूरत दीये अपने हाथों से बनाते हैं. सबसे अच्छी बात यह है कि इन दीयों के खरीदार खुद स्कूल आते हैं और दीये लेकर जाते हैं. इससे होने वाली कमाई इन विशेष बच्चों पर ही खर्च किया जाता है.

बच्चों ने बनाए 1000 दीये
प्राचार्य सरिता ने बताया बच्चों द्वारा 1000 दीया बनाए गए और सिर्फ दीये बनाए ही नहीं गए बल्कि इसमें में खूबसूरत पेंट भी किए गए हैं. यहां बच्चे ब्रेल लिपि के माध्यम से पढ़ाई करते हैं. इसी माध्यम से उन्हें ओम और स्वास्तिक जैसे चिन्ह भी सिखाया गया है. दीया में ओम, स्वस्तिक और खूबसूरत फूलों के चिन्ह बच्चों ने रंग-बिरंगे कलर से बनाए हैं.

बच्चे बेहद खुश
विद्यार्थी सचिन बताते हैं मैं बचपन से ही नेत्रहीन हूं, फिलहाल 5वीं कक्षा का छात्र हूं और सब कुछ पढ़ने जानता हूं. दिवाली के अवसर पर हम हर साल खूबसूरत और रंग-बिरंगे दीये बनाते हैं और दीया में कुछ खूबसूरत सिंबल भी. यह बनाते हुए बेहद खुशी होती है और सबसे अधिक खुशी तब होती है, जब ये दीये बाजार में बिकते हैं व उसके पैसे से स्कूल के कई जरूरत पूरे होते हैं. तब ऐसा लगता है मानो कि हम भी कमा सकते हैं और अपने पैरों में खड़े रह सकते हैं.

आत्मनिर्भरता की ओर एक छोटी पहल
प्राचार्य सरिता बताती हैं यह बच्चे नेत्रहीन है, इसलिए हमारी कोशिश यही रहती है कि इन्हें यह न लगे कि हम कुछ कर नहीं सकते और समाज पर बोझ है. बल्कि, इन्हें इतना स्वालंबी और आत्मनिर्भर बनाना है कि ये कहीं भी रहें खुद के पैर पर खड़ा होकर अपनी और अपने परिवार का भरण पोषण कर पाएं. आज इस स्कूल से ब्लाइंड क्रिकेटर सुजीत मुंडा जैसे लोग से निकलकर इंटरनेशनल लेवल पर अपनी छाप छोड़ रहे हैं. साथ ही ऐसे कई विद्यार्थी है जो बैंक और रेलवे में नौकरी कर रहे हैं.

ये भी बनाते हैं बच्चे
आगे बताया कि दीये के अलावा बच्चों ने कलश भी बनाया भी हैं और कलश में खूबसूरत पेंटिंग की है. कलश का ढक्कन व दीये में साधारण दिया, चार मुखी दीया, पांच मुखी दीया, दीया स्टैंड बच्चों ने बनाए हैं. यह छोटी-छोटी चीजों से बच्चे अभी से ही पैसा कमाना सीख रहे हैं और आत्मनिर्भर बन रहे हैं.

Tags: Diwali, Local18, Ranchi news

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