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- GDP Figures Will Be Released Shortly ; It Is Expected To Be Close To 7% In The Second Quarter Of The Financial Year 2023 24
नई दिल्लीएक घंटा पहले
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भारत की ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट यानी GDP ग्रोथ दूसरी तिमाही (Q2FY24 जुलाई-सितंबर) में सालाना आधार पर बढ़कर 7.60% हो गई है। पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में ये 6.3% रही थी। वहीं पिछली तिमाही (Q1FY24-अप्रैल-जून) में ये 7.8% पर थी।
GDP ग्रोथ RBI के अनुमान से ज्यादा है। RBI ने जुलाई-सितंबर तिमाही में इसके 6.5% रहने का अनुमान लगाया था। उम्मीद से ज्यादा ग्रोथ का कारण मजबूत शहरी खपत, मैन्युफैक्चरिंग और उच्च सरकारी खर्च है। मैन्युफैक्चरिंग ग्रोथ 13.9% रही, जबकि कंस्ट्रक्शन ग्रोथ 13.3% रही।
GVA: 7.4% रहा, इसका 6.8% रहने का अनुमान था
ग्रॉस वैल्यू ऐडेड, यानी GVA दूसरी तिमाही में 7.4% रहा। इसका 6.8% रहने का अनुमान था। वहीं पहली तिमाही में GVA 7.8% रहा था। एक साल पहले समान तिमाही में ग्रोथ रेट 5.4% था।
वित्तीय घाटा लक्ष्य के 45% पर पहुंचा
उधर, अक्टूबर तक वित्तीय घाटा बढ़कर 8.04 लाख करोड़ रुपए हो गया। वित्तीय घाटे का लक्ष्य 17.86 लाख करोड़ रुपए है। सरकार आय के मुकाबले जितना ज्यादा खर्च करती है, उसे वित्तीय घाटा कहा जाता है। वहीं राजस्व घाटा बजटीय लक्ष्य का 32.1% होकर 2.8 लाख करोड़ रुपए रहा। इसके लिए कुल 8.70 लाख करोड़ रुपए का लक्ष्य रखा गया है।
वित्त वर्ष 2024 में GDP ग्रोथ 6.4% रहने का अनुमान
पिछले दिनों S&P ग्लोबल रेटिंग्स ने GDP अनुमान जारी किया था। S&P ने वित्त वर्ष 2024 के लिए भारत के ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट (GDP) ग्रोथ अनुमान को बढ़ाकर 6.4% कर दिया है। पहले ये 6% था। मजबूत डोमेस्टिक मोमेंटम को इसका कारण बताया गया है।
GDP क्या है?
GDP इकोनॉमी की हेल्थ को ट्रैक करने के लिए उपयोग किए जाने वाले सबसे कॉमन इंडिकेटर्स में से एक है। GDP देश के भीतर एक स्पेसिफिक टाइम पीरियड में प्रोड्यूस सभी गुड्स और सर्विस की वैल्यू को रिप्रजेंट करती है। इसमें देश की सीमा के अंदर रहकर जो विदेशी कंपनियां प्रोडक्शन करती हैं उन्हें भी शामिल किया जाता है।
दो तरह की होती है GDP
GDP दो तरह की होती है। रियल GDP और नॉमिनल GDP। रियल GDP में गुड्स और सर्विस की वैल्यू का कैलकुलेशन बेस ईयर की वैल्यू या स्टेबल प्राइस पर किया जाता है। फिलहाल GDP को कैलकुलेट करने के लिए बेस ईयर 2011-12 है। वहीं नॉमिनल GDP का कैलकुलेशन करेंट प्राइस पर किया जाता है।
कैसे कैलकुलेट की जाती है GDP?
GDP को कैलकुलेट करने के लिए एक फॉर्मूले का इस्तेमाल किया जाता है। GDP=C+G+I+NX, यहां C का मतलब है प्राइवेट कंजम्प्शन, G का मतलब गवर्नमेंट स्पेंडिंग, I का मतलब इन्वेस्टमेंट और NX का मतलब नेट एक्सपोर्ट है।
GVA क्या है?
साधारण शब्दों में कहा जाए तो GVA से किसी अर्थव्यवस्था में होने वाले कुल आउटपुट और इनकम का पता चलता है। यह बताता है कि एक तय अवधि में इनपुट कॉस्ट और कच्चे माल का दाम निकालने के बाद कितने रुपए की वस्तुओं और सेवाओं का उत्पादन हुआ। इससे यह भी पता चलता है कि किस खास क्षेत्र, उद्योग या सेक्टर में कितना उत्पादन हुआ है।
नेशनल अकाउंटिंग के नजरिए से देखें तो मैक्रो लेवल पर GDP में सब्सिडी और टैक्स निकालने के बाद जो आंकड़ा मिलता है, वह GVA होता है। अगर आप प्रोडक्शन के मोर्चे पर देखेंगे तो इसको नेशनल अकाउंट्स को बैलेंस करने वाला आइटम पाएंगे।