हर गांव की अपनी एक कहानी होती है. ऐसी ही कहानी इस गांव की भी है. इस गांव में लड़कियों के हाथ कभी पीले नहीं होते है और उसके पीछे की जो कहानी गांववलों ने बताई वह भी अजीबोगरीब है. कहा जाता है कि इस गांव की लड़कियों बिहा कर नहीं आती है क्योंकि यहां आकर वह बीमारी हुई तो उसका मरना तय है. करीब 1000 आबादी वाले इस गांव में जाने का रास्ता नहीं है.
इस गांव के लोग अब नदी में श्रमदान से कच्ची सड़क का निर्माण कर रहे हैं. गया जिला मुख्यालय से करीब 80 से 85 किलोमीटर दूर इमामगंज का भगहर गांव जो चारों ओर से नदियों से घिरा है. या कहे तो यह गांव टापू पर बसा है और गांव की आबादी करीब 1000 है. यह गांव किसी अभिशाप से कम नहीं और यही वजह है कि गांव में विकास की रफ्तार थम सी गई है. नदी में पानी रहने के कारण बच्चे स्कूल जाने को भी तरस जाते हैं.
वहीं इस गांव के लोगों को कोई अपनी लड़की की शादी नहीं करना चाहता. अगर कोई बीमार पड़ जाए तो उसे यही मारना पड़ता है क्योंकि पानी रहने के कारण यह गांव से बाहर ही नहीं निकल पाते हैं. वहीं घर तक लड़की वाले आए इसके लिए गांव के लोग चंदा करके सड़क बनाते हैं. पैसा कम होने पर गांव के लोग खुद श्रमदान करके रास्ता निकालते हैं. यह काम इस गांव के लोगों का हर साल रहता है.
ग्रामीण बताते हैं कि बारिश के दिनों में महीनों तक गांव में सब कुछ ठप रहता है. लोग कई वर्षों से इस नदी पर पुल बनाने की मांग कर रहे हैं, बताते हैं कि नीतीश सरकार और मोदी सरकार हमारी बातों को नहीं सुन रहे हैं ग्रामीण बताते हैं कि यहां नेता सिर्फ वोट लेने के लिए आते हैं जितने के बाद यहां कोई देखने भी नहीं आते, मुखिया से लेकर विधायक सांसद तक के लिए वोट मांगने लोग आते हैं। लेकिन इस बार किसी को भी वोट नहीं दूंगा।1.बाईट— कुलदीप प्रसाद, ग्रामीण2.बाईट— चिंता देवी, ग्रामीण ।
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FIRST PUBLISHED : December 7, 2023, 15:40 IST